अमृत विचार विशेष: अग्रिम विनियमन शुल्क जमा नहीं तो ईंट-भट्ठों का संचालन होगा बंद

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Published By Monis Khan
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राकेश शर्मा, बरेली। शहरों में वायु प्रदूषण कम करने के साथ राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से जिन ईंट भट्ठों का अग्रिम विनियमन शुल्क जमा नहीं है, उनका शासन ने संचालन बंद करने का निर्णय लिया है। शासन के निर्देश पर 2025-26 वित्तीय वर्ष के लिए जिले के कितने ईंट भट्ठों का अग्रिम विनियमन शुल्क जमा है और कितने में जिगजैग तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है, इसकी स्थलीय जांच कराने के लिए डीएम अविनाश सिंह ने कमेटी गठित की है। कमेटी से सात दिन में जांच कर रिपोर्ट तलब की गई है।

डीएम ने आदेश जारी किया है कि 26 सितंबर के शासनादेश के अनुसार यह प्रावधान किया गया है कि सत्र वर्ष 2025-26 में ईंट भट्ठों के संचालन पर विनियमन शुल्क (रेग्युलेटिंग फीस) अग्रिम रूप से जमा की जाएगी। विनियमन शुल्क की धनराशि जमा किए बिना संचालित ईंट भट्ठों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करें। डीएम ने कहा है कि भूतत्व एवं खनिकर्म अनुभाग के सचिव के 12 दिसंबर को जारी किए पत्र के अनुपालन में जिले के सभी ईंट भट्ठों का शत-प्रतिशत भौतिक सत्यापन किया जाना है। इसके लिए समिति का गठन किया गया है। जांच दो प्रारूप पर दर्ज होगी। शासन एवं निदेशालय से नामित नोडल अधिकारी ज्येष्ठ खान अधिकारी बीपी यादव के मोबाइल नंबर पर व ई-मेल पर एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध करानी है। गठित टीम ईंट भट्ठों का सत्यापन कर आख्या उपलब्ध कराए।

कागजों में 130 ईंट भट्ठे बंद दर्शाए
जिला खान अधिकारी के वर्ष 2024-25 के ईंट भट्ठों के अभिलेखों की जांच के दौरान पाया गया है कि रजिस्टर में कुल 376 ईंट भट्ठे जिले में हैं, जिनमें से 230 ने निर्धारित विनियमन शुल्क, आवेदन शुल्क और पलोथन शुल्क का भुगतान किया है। 130 ईंट भट्ठे बंद दर्शाए गए हैं। 16 भट्ठा स्वामियों ने देय विनियमन शुल्क, आवेदन शुल्क व पलोथन शुल्क का भुगतान नहीं किया है, लेकिन कितने ईंट भट्ठों ने अग्रिम विनियमन शुल्क समेत अन्य शुल्क जमा किया है, इसका भेद कमेटी की जांच में खुलेगा। इसके साथ ही जो 130 ईंट भट्ठे बंद दर्शाए गए हैं, वास्तव में इतने बंद हैं, इसकी सच्चाई भी जांच में खुलेगी।

जांच में कमेटी ये अधिकारी शामिल
-डीएम ने जांच कमेटी का अध्यक्ष एडीएम एफआर संतोष कुमार सिंह को बनाया है। साथ ही संबंधित तहसील के एसडीएम, राज्य कर विभाग के अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जिला प्रदूषण अधिकारी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत और जिला खान अधिकारी मनीश कुमार को कमेटी में शामिल किया है।

इन बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार होगी
ईंट भट्ठा स्वामी का नाम एवं पता, जीएसटीएन नंबर, ईंट भट्ठा का प्रकार (साधारण या जिगजैग), पायों की संख्या, स्थल का विवरण, चालू वर्ष आदि के संबंध में ज्येष्ठ खान अधिकारी, अपर मुख्य अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी, राज्य कर विभाग के अधिकारी, संबंधित एसडीएम, एडीएम वित्त एवं राजस्व, जिलाधिकारी के रिपोर्ट पर हस्ताक्षर होंगे। साधारण ईंट भट्ठों और जिग-जैग ईंट भट्ठों की पाया के अनुसार रिपोर्ट बनेगी।

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