UP: दूसरे दिन चला अभियान, दरगाह पर ठहरे लोगों के देखे पहचान पत्र

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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बदायूं, अमृत विचार। रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की तलाश का जिला प्रशासन का अभियान लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा। सिटी मजिस्ट्रेट सुरेश पाल और सीओ सिटी रजनीश कुमार उपाध्याय ने पुलिस बल के साथ बड़े और छोटे सरकार पर जाकर जांच की। वहां ठहरे हुए लोगों से उनका सत्यापन किया और पहचान पत्र चेक किया। चेतावनी दी कि बिना पहचान पत्र के कोई भी व्यक्ति जिले में नहीं रुकेगा। अगर ऐसा कोई व्यक्ति मिला तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 

शासन ने जिले में रोहिंग्या, बांग्लादेशियों और बाहरी राज्यों के लोगों को तलाशकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। जिसके अनुपालन में जिला प्रशासन ने लगातार दूसरे दिन बड़े व छोटे सरकार की कमेटी की मौजूदगी में दरगाह पर सघन सत्यापन अभियान चलाया। दरगाह पर ठहरे हुए लोगों से उनके पहचान की जानकारी की। उनका पहचान पत्र या अन्य आईडी देखी। पता चला कि वहां बहुत से लोग इलाज कराने के लिए रह रहे हैं। 

अवैध रूप से बिना आईडी प्रूफ के रह रहे लोगों को हिदायत देकर वापस भेजा गया। कहा कि दरगाह पर ठहरे हुए और दुकान लगाने वाले लोगों को तीन पीढ़ियों का ब्यौरा पुलिस को देना होगा। जो लोग ऐसा नहीं करते हैं उन्हें दरगाह से बाहर कर दिया जाएगा। संदिग्धों की तलाशी का अभियान जारी रहेगा। इस दौरान सदर कोतवाल संजय सिंह, सिविल लाइन कोतवाल हरेंद्र सिंह आदि शामिल रहे।


अभियान से एतराज नहीं, अपराधियों के अलावा किसी को न करें परेशान

चेकिंग अभियान के संबंध में पूर्व मंत्री आबिद रजा ने डीएम और एसएसपी को पत्र भेजा है। कहा कि बड़े सरकार (हजरत सुल्तान आरफीन) और छोटे सरकार (हजरत शाह विलायत) देश की प्रसिद्ध दरगाह हैं। दोनों दरगाहों पर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के हिन्दु, मुस्लिम, सिख, ईसाई अकीदत से दरगाह पर मन्नत मांगने आते हैं। पूरे देश के लोग जिनके परिवार में भूतप्रेत का साया हो जाता है और रूहानी असर हो जाता है। उनके रूहानी इलाज के लिए भी बड़े सरकार व छोटे सरकार की दरगाह पर आते है। दोनों दरगाहों पर 40 दिन का चिल्ला करते हैं और कुछ लोगों को रूहानी इलाज में कई साल लग जाते हैं। 

प्रशासन दोनों दरगाह पर बांग्लादेशी, रोहिंग्या और अपराधी किस्म के लोगों की जांच करा रहा है। जो सही भी है इससे कोई एतराज नहीं है। वह और जिले के लोग ऐसे लोगों की जांच में सहयोग करना चाहते हैं। लेकिन बड़े सरकार व छोटे सरकार में रूहानी इलाज और मन्नत मांगने के उद्देश्य से जो लोग दरगाह पर रह रहे हैं, उनको बेवजह परेशान न किया जाए। पूर्व मंत्री ने अनुरोध किया है कि संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करें कि बांग्लादेशी, रोहिंग्या और अपराधियो के अलावा दरगाह पर रहने वाले जायरीन जो गरीब हैं और भारतीय हैं उन्हें परेशान न किया जाए।

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