मध्य प्रदेश: एम्बुलेंस में कर रहे थे सागौन की लकड़ी की तस्करी, पहले ग्रामीणों ने पकड़ा, बाद में वन विभाग के हवाले कर दिया।

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अलीराजपुर। मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा इलाके में आपात चिकित्सा स्थिति में एकीकृत कॉल सेंटर की तरफ से चलाई जा रही 108 एम्बुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ सागौन की लकडी ले जाई जा रही थी। सूचना पर वन विभाग के अधिकारियों ने छापेमारी कर लकड़ियां बरामद कर ली है। मामले में एम्बुलेंस …

अलीराजपुर। मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा इलाके में आपात चिकित्सा स्थिति में एकीकृत कॉल सेंटर की तरफ से चलाई जा रही 108 एम्बुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ सागौन की लकडी ले जाई जा रही थी। सूचना पर वन विभाग के अधिकारियों ने छापेमारी कर लकड़ियां बरामद कर ली है। मामले में एम्बुलेंस चालक सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

दरअसल, कट्ठीवाड़ा वन क्षेत्र के रेंजर योगेंद्र सिंह बिलवाल ने सोमवार को बताया कि कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में गुजरात सीमा से पांच किलोमीटर अंदर शनिवार देर रात स्थानीय निवासियों ने भावरा क्षेत्र से सागौन की लकड़ी या शराब की तस्करी होने के संदेह में एक एम्बुलेंस वाहन को रोक दिया और वन विभाग के कर्मियों को इस बारे में सूचित किया।   उन्होंने कहा, कि हमें 23 अक्टूबर की रात करीब दस बजे सूचना मिली कि भावरा से सागौन की लकड़ी लेकर एक वाहन कट्ठीवाड़ा आ रहा है। हालांकि हम मौके पर पहुंचते इससे पहले ही ग्रामीणों ने वाहन को रोक लिया था।

यह 108 एम्बुलेंस सेवा का एक वाहन था जिसका पंजीकरण नंबर एमपी 02 से शुरू होता है। उन्होंने कहा कि वाहन से जब्त की गई सागौन की लड़की की कीमत करीब 15 हजार रुपए है। सागौन के पेड़ की कटाई पूरे भारत में प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा कि वन विभाग का अमला पहुंचने से पहले ही वाहन चालक विक्रम धकत (29) और उसका सहायक अरुण बामनिया (30) मौके से भाग गए। बाद में दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।  पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि सागौन की लकड़ी को एक पुलिस आरक्षक के यहां ले जाया जा रहा था।

वन विभाग की टीम मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है। बताते चलें कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत प्रदेश में 108 नंबर पर एम्बुलेंस सेवा संचालित की जाती है।

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