रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास को लेकर सरकार ने लिया बड़ा फैसला, कहा- अर्थव्यवस्था के लिए सुनिश्चित होगी स्थिरता

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

नई दिल्ली। सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास को दिसंबर 2024 तक के लिए तीन वर्ष का सेवा विस्तार दिया है। अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने पर वह केंद्रीय बैंक के दूसरे सबसे लंबे कार्यकाल वाले गवर्नर बन जाएंगे। शक्तिकांत दास को 11 दिसंबर, 2018 को रिजर्व बैंक का 25वां गवर्नर …

नई दिल्ली। सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास को दिसंबर 2024 तक के लिए तीन वर्ष का सेवा विस्तार दिया है। अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने पर वह केंद्रीय बैंक के दूसरे सबसे लंबे कार्यकाल वाले गवर्नर बन जाएंगे। शक्तिकांत दास को 11 दिसंबर, 2018 को रिजर्व बैंक का 25वां गवर्नर नियुक्त किया गया था। उन्हें तीन वर्ष के लिए नियुक्त किया गया था। शक्तिकांत दास को उनके पूर्ववर्ती उर्जित पटेल के अचानक इस्तीफा देने के बाद रिजर्व बैंक की कमान सौंपी गयी थी।

बृहस्पतिवार के एक आधिकारिक आदेश में कहा गया कि सरकार शक्तिकांत दास को रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में पुन: नियुक्त कर रही है। उनकी नियुक्ति 10 दिसंबर, 2021 के बाद से तीन वर्ष के लिए की जा रही है। इसका मतलब है कि वह दिसंबर 2024 तक केंद्रीय बैंक की कमान संभालेंगे। सेवा विस्तार पिछले दो दशकों में प्रचलित दो वर्ष के कार्यकाल के नियम की तुलना में लंबा है।

अर्थव्यवस्था कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव से उबर रही है। ऐसे में उनकी पुन: नियुक्ति से अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ पर स्थिरता सुनिश्चित होगी। वह इतना लंबा कार्यकाल हासिल करने वाले पांचवें गवर्नर होंगे। आमतौर पर रिजर्व बैंक के गवर्नर का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है। कार्यकाल पूरा होने पर वह सर बेनेगल रामा राव के बाद केंद्रीय बैंक में सबसे लंबे कार्यकाल वाले गवर्नर बन जाएंगे। राव एक जुलाई 1949 से 14 जनवरी, 1957 तक सात साल, 197 दिन रिजर्व बैंक के गवर्नर थे।

पांच वर्ष से ज्यादा समय तक रिजर्व बैंक के गवर्नर पद पर सेवा देने वालों में बिमल जालान (नवंबर 1997 से सितंबर 2003), जेम्स टेलर (जुलाई 1937 से फरवरी 1943), बी पी भट्टाचार्य (मार्च 1962 से जून 1967), और सी डी देशमुख (अगस्त 1943 से जून 1949) शामिल हैं। मोदी सरकार के अधीन कार्यरत रिजर्व बैंक के पहले गवर्नर रघुराम राजन ने अपना तीन साल का पहला कार्यकाल पूरा करने के बाद पद छोड़ दिया। उनके उत्तराधिकारी और दास के पूर्ववर्ती उर्जित पटेल दो साल 98 दिनों के लिए पद पर थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में की गयी मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति की एक बैठक में शक्तिकांत दास को सेवा विस्तार देने का फैसला किया गया। आदेश के अनुसार, “मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी (तमिलनाडु कैडर, 1980 बैच) शक्तिकांत दास को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में 10 दिसंबर, 2021 से आगे तीन साल की अवधि के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, पुन: नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है।”

शक्तिकांत दास ने कोविड-19 महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। उनके नेतृत्व में, केंद्रीय बैंक ने अभूतपूर्व संकट के दौरान वित्तीय स्थिरता बनाए रखने और वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए 100 से अधिक उपायों की घोषणा की।

यह भी पढ़ें-

ममता ने बताया टीएमसी का अर्थ, कहा- भाजपा को उन्हें चरित्र प्रमाण पत्र देने का कोई अधिकार नहीं

संबंधित समाचार