बांग्लादेश हिंसा पर आया MEA का बयान, बोला- अंतरिम सरकार में हत्या, आगजनी और जमीन हड़पने की 2900 घटनाएं
दिल्ली। भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए हिंदू समुदाय के एक और व्यक्ति दीपू चंद्र दास की हत्या की घोर निंदा की है और कहा है कि इसमें शामिल अपराधियों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई की जानी चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यहां शुक्रवार को साप्ताहिक ब्रीफिंग में सवालों के जवाब में कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों हिन्दुओं, ईसाइयों और बौद्ध समुदाय के लोगों पर अत्याचार किये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के मैमनसिंह में एक और हिंदू दीपू दास की हत्या चिंता का विषय है और भारत इसकी घोर निंदा करता है। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं के लिए दोषी लोगों को न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनने के बाद से अब तक हत्या, आगजनी और जमीन हड़पने की 2900 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं को मीडिया में आई बढा चढा कर कही गई बातें या राजनीतिक हिंसा कहकर नजरंदाज नहीं किया जा सकता।
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के नेता तारिक रहमान की बांग्लादेश वापसी के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसे संदर्भ में देखा जाना चाहिए कि भारत वहां स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव का पक्षधर है। इसके साथ ही भारत स्थिर और शांतिपूर्ण बंगलादेश चाहता है और अपने इस पड़ोसी देश के साथ संबंधों को मजबूत करना चाहता है। प्रवक्ता ने कहा कि भारत का मानना है कि चुनाव में सभी दलों की हिस्सेदारी होनी चाहिए।
बांग्लादेश में भारत विरोधी आख्यानों से जुड़े सवालों पर श्री जायसवाल ने कहा, "हमने बांग्लादेश में झूठे आख्यान को खारिज कर दिया है। ऐसा कोई आख्यान गढ़ना कि हालात किसी और दिशा में जा रहे हैं, गलत हैं और हम इसे सिरे से खारिज करते हैं। " उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था और सुरक्षा की स्थिति वहां की सरकार की जिम्मेदारी है। " गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों में बंगलादेश में हिंदू समुदाय के दो लोगों की हत्या कर दी गयी है। बंगलादेश में प्रमुख राजनीतिक दल अवामी लीग के चुनाव लड़ने पर रोक भी लगाई जा चुकी है।
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