नए साल से महंगे हो सकते हैं टाटा मोटर्स, होंडा और रेनो के वाहन

नए साल से महंगे हो सकते हैं टाटा मोटर्स, होंडा और रेनो के वाहन

नई दिल्ली। उत्पादन लागत में वृद्धि के बीच टाटा मोटर्स, होंडा और रेनो जैसी वाहन कंपनियां नए साल यानी जनवरी से अपने वाहनों के दाम बढ़ाने पर विचार कर रही हैं। बाजार की अग्रणी कंपनी मारुति सुजुकी और लग्जरी कार कंपनी ऑडी और मर्सिडीज-बेंज अगले महीने से अपने वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा …

नई दिल्ली। उत्पादन लागत में वृद्धि के बीच टाटा मोटर्स, होंडा और रेनो जैसी वाहन कंपनियां नए साल यानी जनवरी से अपने वाहनों के दाम बढ़ाने पर विचार कर रही हैं। बाजार की अग्रणी कंपनी मारुति सुजुकी और लग्जरी कार कंपनी ऑडी और मर्सिडीज-बेंज अगले महीने से अपने वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा पहले ही कर चुकी हैं।

मारुति ने कहा है कि जनवरी 2022 से उसके वाहनों के दाम बढ़ेंगे। अलग-अलग मॉडलों के दामों में बढ़ोतरी भिन्न होगी। वहीं मर्सिडीज-बेंज ने कहा है कि उसके चुनिंदा मॉडलों के दाम दो प्रतिशत तक बढ़ जाएंगे। दूसरी ओर, ऑडी ने एक जनवरी, 2022 से अपनी समूची मॉडल श्रृंखला की कीमतों में तीन प्रतिशत तक की वृद्धि की घोषणा की है।

कीमत वृद्धि के बारे में संपर्क करने पर टाटा मोटर्स के अध्यक्ष (यात्री वाहन कारोबार) शैलेश चंद्रा ने कहा कि जिंसों के दाम, कच्चे माल और अन्य लागतों में लगातार वृद्धि जारी है। लागत में इस वृद्धि के प्रभाव को आंशिक रूप से कम करने के लिए निकट भविष्य में कीमतों में उचित वृद्धि से बचा नहीं जा सकता।

टाटा मोटर्स घरेलू बाजार में पंच, नेक्सॉन और हैरियर जैसे वाहनों की बिक्री करती है। इस बीच होंडा कार्स इंडिया ने भी कहा है कि वह निकट भविष्य में कीमतों में वृद्धि पर विचार कर रही है। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि जिंसों की कीमतों में वृद्धि के कारण उत्पादन लागत पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।

हम अभी इस बात का अध्ययन कर रहे हैं कि इसमें से कितने भार को खुद वहन किया जा सकता है। सिटी और अमेज जैसे ब्रांड बेचने वाली कंपनी ने इस साल अगस्त में भी अपने वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी की थी। वहीं रेनो ने भी कहा है कि वह जनवरी से अपनी वाहन श्रृंखला में ‘पर्याप्त’ मूल्यवृद्धि पर विचार कर रही है।

फ्रांसीसी कंपनी भारतीय बाजार में क्विड, ट्राइबर और काइगर जैसे मॉडल बेचती है। पिछले एक साल में इस्पात, एल्युमीनियम, तांबा, प्लास्टिक और कीमती धातुओं जैसे आवश्यक जिंसों की कीमतों में भारी वृद्धि कारण वाहन कंपनियों को दाम बढ़ाने जैसे कदम उठाने पड़ रहे हैं। इसके अलावा हाल के महीनों में परिवहन की लागत भी बढ़ी है जिससे वाहन कंपनियां प्रभावित हुई हैं।

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