वाराणसी: जापान के राजनयिक ने किया बीएचयू का दौरा, कुलपति से की मुलाकात

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वाराणसी। जापान के विश्वविद्यालयों तथा व्यापारिक संस्थानों एवं बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने के इरादे से भारत में जापान के राजनयिक डॉ. शिंगो मियामोतो ने बीएचयू का दौरा कर कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन के मुलाकात की।जापान के दूतावास में आर्थिक व विकास मामलों के प्रभारी राजनयिक डा शिंगो से मुलाकात …

वाराणसी। जापान के विश्वविद्यालयों तथा व्यापारिक संस्थानों एवं बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने के इरादे से भारत में जापान के राजनयिक डॉ. शिंगो मियामोतो ने बीएचयू का दौरा कर कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन के मुलाकात की।जापान के दूतावास में आर्थिक व विकास मामलों के प्रभारी राजनयिक डा शिंगो से मुलाकात के दौरान कुलपति प्रो जैन ने जापान के संस्थानों, विशेष रूप से वाणिज्यिक व औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ बीएचयू की वृहद साझेदारी की आवश्यकता पर बल दिया।

इस दौरान बीएचयू में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के समन्वयक प्रो. एन. वी. चलपति राव भी उपस्थित रहे। डॉ. शिंगो का बीएचयू दौरा ऐसे समय में हुआ है जब कुलपति प्रो. जैन के नेतृत्व में विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षकों व विद्यार्थियों के हित के मद्देनजर दीर्घकालिक द्विपक्षीय अंतरराष्ट्रीय सहयोग को विशेष महत्व देते हुए इस संबंध में गंभीर प्रयास किये जा रहे हैं। साथ ही साथ कुछ खास क्षेत्रों में बीएचयू को जापानी सहयोग मिलने के लिहाज़ से भी यह दौरा अहमियत रखता है। इससे पहले जापानी राजनयिक ने बीएचयू में जापानी भाषा सीख रहे विद्यार्थियों के साथ संवाद किया।

इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय केन्द्र के समन्वयक प्रो. एस. वी. एस. राजू तथा शिक्षक गण भी उपस्थित रहे। डॉ. शिंगो ने कहा कि जापान भारत मैत्री के 75वें वर्ष में बीएचयू की जापान के शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी का विस्तार करने का यह बेहतरीन अवसर है।
इस दिशा में और अधिक कार्य किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने जापानी भाषा तथा हिन्दी में कई समानताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भाषा विभिन्न संस्कृतियों के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ करने में महती भूमिका निभाती है।

उन्होंने कहा कि जापान के लिए भारत एक अतिविशिष्ट राष्ट्र है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि जापान से और अधिक संख्या में विद्यार्थी बीएचयू में शिक्षा ग्रहण करने आयेंगे, जो भारत की संस्कृति एवं विविधता के एक लघु रूप को परिलक्षित करता है।

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