लखनऊ : कानून व्यवस्था की बागडोर संभालने के साथ राह सुगम बना रहे होमगार्ड

लखनऊ : कानून व्यवस्था की बागडोर संभालने के साथ राह सुगम बना रहे होमगार्ड

लखनऊ। राजधानी के रिहायशी क्षेत्रों के महानगर, हजरतगंज, गोमतीनगर, आलमबाग, गौतमपल्ली, आईटी, जानकीपुरम समेत व्यस्तम चौराहों पर रोजाना होमगार्ड ड‌्यूटी करते दिखाई पड़ते हैं। यही हाल राजधानी के 43 पुलिस थाने हैं। जबकि 5 थाने ग्रामीण अंचल से भी जुड़े हैं। असल में पुलिस महकमें में पुलिसकर्मियों का टोटा हुआ है। ऐसे में कानून-व्यवस्था को …

लखनऊ। राजधानी के रिहायशी क्षेत्रों के महानगर, हजरतगंज, गोमतीनगर, आलमबाग, गौतमपल्ली, आईटी, जानकीपुरम समेत व्यस्तम चौराहों पर रोजाना होमगार्ड ड‌्यूटी करते दिखाई पड़ते हैं। यही हाल राजधानी के 43 पुलिस थाने हैं। जबकि 5 थाने ग्रामीण अंचल से भी जुड़े हैं। असल में पुलिस महकमें में पुलिसकर्मियों का टोटा हुआ है। ऐसे में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में 600 से ज्यादा होमगार्ड की लाठी पुलिस का सहारा बनीं हुई है। राजधानी के किसी भी थाने में सिपाहियों की पर्याप्त संख्या न होने की वजह से विभाग को होमगार्ड की जरूरत पड़ रही है।

इन विभागों में तैनात हैं होमगार्ड

विभाग                                संख्या
ट्रैफिक विभाग                       360
पुलिस महकमें                       600
प्रशासानिक सुरक्षा                 700
सचिवालय सुरक्षा                   150
प्रमुख संस्थान                        350
पीआरवी वाहन                      100

वीवीआईपी सुरक्षा में तैनात हैं पुलिस फोर्स

ज्यादतर पुलिसकर्मियों को वीवीआईपी मूवमेंट, संवदेनशील इलाकों, नेताओं की सुरक्षा व महत्वपूर्ण विभागों के बाहर निगरानी के तैनात किया जाता है। ऐसे में सिपाहियों का काम होमगार्ड जवान निभा रहे हैं। यह जानकारी उप्र होमगार्ड्स अवैतनिक अधिकारी व कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश द्विवेदी ने दी है। उनका कहना है कि रात के पहर में होमगार्ड थानों की निगरानी करने के अलावा बीट पुलिसकर्मियों के साथ गश्त देने का भी काम करते हैं। इतना ही नहीं विभाग के अधिकारियों के बंगले के बाहर होमगार्ड्स की ड्यूटी लगाई जाती है।

शहर का ट्रैफिक कंट्रोल कर रहें होमगार्ड

शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए होमगार्ड्स जवान को चौराहों पर मुस्तैद किया जाता है। शहर के व्यस्तम चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस के जवान भी लगाए गए हैं। इसके साथ ही वाहनों की चेकिंग अभियान, सड़क को जाममुक्त करने के लिए होमगार्ड् तपिश में पसीना बहाते दिखाई पड़ते हैं। आलमबाग नहरिया, मवैया, चारबाग, सचिवालय, हजरतगंज, सिकंदराबाग, निशातगंज समेत कई चौराहों पर होमगार्ड्स तैनात रहते हैं। वहीं डीसीपी ट्रैफिक सुभाष चंद्र शाक्य ने कमिश्नरेट पुलिस को पत्र प्रेषित कर करीब 500 होमगार्ड् दिलवाने की बात कही है।

2 हजार से ज्यादा होमगार्ड जवानों की गई थी मांग

इस सम्बन्ध में जिला होमगार्ड कमांडेट अधिकारी अतुल सिंह ने बताया कि पुलिस महकमें और ट्रैफिक विभाग की ओर कुल दो हजार होमगार्ड जवानों की मांग की गई थी। इतने होमगार्ड विभाग के पास मौजूद नहीं है। जोकि होमगार्ड पुलिस मित्र की भूमिका में अपना काम कर रहे हैं। उनका काम सराहनीय है।

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