अमरनाथ यात्रा पर जा रहे हैं तो जरुर पढ़ें ये खबर, 2 साल बाद होंगे बाबा बर्फानी के दर्शन

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नई दिल्ली। अगर आप भी अमरनाथ यात्रा पर जा रहे हैं तो ये खबर आपको जानना बेहद जरुरी है। अमरनाथ यात्रा पर निकलने वाले तीर्थयात्रियों के लिए गाइडलाइन जारी कर दिए गए हैं। तीर्थयात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपना आधार कार्ड या कोई अन्य बायोमेट्रिक सत्यापित सरकारी आईडी कार्ड जरुर लेकर जाएं। …

नई दिल्ली। अगर आप भी अमरनाथ यात्रा पर जा रहे हैं तो ये खबर आपको जानना बेहद जरुरी है। अमरनाथ यात्रा पर निकलने वाले तीर्थयात्रियों के लिए गाइडलाइन जारी कर दिए गए हैं। तीर्थयात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपना आधार कार्ड या कोई अन्य बायोमेट्रिक सत्यापित सरकारी आईडी कार्ड जरुर लेकर जाएं। बताया जा रहा है कि दक्षिण कश्मीर के ऊपरी इलाकों में स्थित गुफा मंदिर की तीर्थ यात्रा में लगभग तीन लाख तीर्थयात्रियों के भाग लेने की संभावना है।

अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सीईओ नीतीश्वर कुमार ने कहा है कि अमरनाथ यात्रियों के लिए दोनों आधार शिविरों में डीआरडीओ अस्पताल तैयार है। हमने तीर्थयात्रियों के ठहरने की व्यवस्था की है। तीर्थयात्रियों के लिए लंगर, चिकित्सा, संचार और स्वच्छता की सुविधा यहां की गई है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा बुधवार को श्री अमरनाथ श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को जम्मू के भगवती नगर स्थित यात्री निवास से हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यात्री निवास एवं बफीर्नी बाबा की गुफा तक जाने वाले मार्ग पर हालांकि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं।

अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सीईओ ने कहा है कि लंगर एक दिन में 1.5 लाख से अधिक भोजन परोसेगा और 38 लंगर संगठनों को इस बार परोसने की अनुमति दी गई है। वहीं बालटाल आधार शिविर में, तीर्थयात्रियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 70 बिस्तरों वाला डीआरडीओ अस्पताल स्थापित किया गया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित अस्पताल में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड सुविधाएं, सामान्य और ऑक्सीजन युक्त वार्ड, ओपीडी, आईसीयू, फार्मेसी और एक प्रयोगशाला होगी।

घाटी में अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के हटने और 2020-21 में कोरोना महामारी के कारण यात्रा को दो वर्षों के लिए स्थगित कर दिया गया था। इस साल की अमरनाथ यात्रा 30 जून से आरंभ होकर 11 अगस्‍त तक चलेगी। यह 43 दिवसीय यात्रा दो मार्गों से 30 जून से शुरू होगी, जिसमें दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा नुनवान और मध्य कश्मीर के गंदेरबल में 14 किलोमीटर लंबा छोटा मार्ग बालटाल है। यात्रा शुरू होने से एक दिन पहले जम्मू में भगवती नगर और राम मंदिर से साधुओं समेत श्रद्धालुओं का पहला जत्था कश्मीर के दोनों आधार शिविरों के लिए रवाना होगा।

अमरनाथ यात्रा हर साल जम्मू और कश्मीर के पहलगाम से आयोजित की जाती है। अमरनाथ यात्रा पहलगाम से अमरनाथ की पवित्र गुफा पर खत्म होती है। इस यात्रा को हिंदू धर्म में काफी पवित्र माना जाता है। अमरनाथ की पवित्र गुफा चारों ओर बर्फ के पहाड़ों से ढकी रहती है साल में केवल कुछ समय के लिए लिए गुफा से बर्फ हटती है तब यह श्रद्धालुओं के लिए खोली जाती है। चुनौतीपूर्ण पहाड़ी रास्तों से गुजरकर हर साल लाखों श्रद्धालु इस यात्रा को पूरा करते हैं। पिछले 2 साल से सोशल डिस्‍टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए इस यात्रा को रद करना पड़ा था। इस यात्रा के लिए श्रद्धालुओं पहलगाम से अमनाथ गुफा तक करीब 43-48 किलोमीटर पैदल चलकर जाना होता है। इसके अलावा अमरनाथ यात्रा का एक रूट बालटाल से होकर भी गुजरता है जो पहलगाम के मुकाबले छोटा है।

इस यात्रा में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए श्रद्धालु ऑफिशल वेबसाइट https://jksasb.nic.in/ और मोबाइल ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर बैंक, पीएनबी बैंक, यस बैंक और एसबीआई बैंक की 446 शाखाओं में भी यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगा। एप्लीकेशन फॉर्म के साथ हेल्थ सर्टिफिकेट, चार पासपोर्ट साइज फोटो की जरूरत रजिस्ट्रेशन में पड़ती है।

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