राष्ट्रपति चुनाव: ममता बनर्जी का बड़ा बयान, कहा- द्रौपदी मुर्मू पर तो हम भी राजी हो जाते
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार के चयन में काफी एक्टिव थीं। दिल्ली में उनकी ओर से ही विपक्षी दलों की मीटिंग बुलाई गई थी। उनकी पार्टी की ओर से ही यशवंत सिन्हा के नाम का प्रस्ताव दिया गया था, जिस पर कांग्रेस, एनसीपी, सपा समेत सभी …
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार के चयन में काफी एक्टिव थीं। दिल्ली में उनकी ओर से ही विपक्षी दलों की मीटिंग बुलाई गई थी। उनकी पार्टी की ओर से ही यशवंत सिन्हा के नाम का प्रस्ताव दिया गया था, जिस पर कांग्रेस, एनसीपी, सपा समेत सभी विपक्षी दलों ने सहमति जाहिर की थी।
बता दें कि इससे पहले फारूक अब्दुल्ला, शरद पवार, गोपाल कृष्ण गांधी को चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था।
अब ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कहा कि अगर एनडीए की ओर से पहले ही द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी के बारे में बता दिया जाता तो हम भी राजी हो जाते और सर्वसम्मति से उन्हें चुना जा सकता था।
ममता बनर्जी ने द्रौपदी मुर्मू की जीत की संभावनाएं ज्यादा होने की बात भी स्वीकार की। ममता ने कहा कि बीजेपी ने हमारा सुझाव तो लिया था, लेकिन अपने कैंडिडेट के बारे में कुछ नहीं बताया था। बता दें, कि यशवंत सिन्हा को विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया गया है।
ममता बनर्जी ने कहा कि यदि हमें पता होता कि वे आदिवासी महिला या फिर अल्पसंख्यक समुदाय के किसी व्यक्ति को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाना चाहते हैं तो फिर हम भी विचार करते। हमारे मन में आदिवासी समुदाय के लोगों के प्रति बहुत सम्मान है और वह तो एक महिला भी हैं। उन्होंने कहा कि एपीजे अबुल कलाम के वक्त भी हुआ था।
उन्होंने कहा कि हमारा 16 से 17 पार्टियों का गठबंधन है और हम अकेले ही पीछे नहीं हट सकते हैं और भी लोग हैं। वहीं अब ममता बनर्जी की टिप्पणी पर कांग्रेस का भी रिएक्शन आया है।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हो सकता है कि उन पर भाजपा की ओर से दबाव हो। अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ममता बनर्जी ने ही अपने फैसले पर सभी से सहमत होने को कहा था। ममता बनर्जी का नाम भी उन्होंने ही सुझाया था। अब वह अपनी जिम्मेदारी से ही भाग रही हैं।
उन्होंने कहा कि अब वह यूटर्न लेती हैं तो इसका मतलब होगा कि भाजपा से उन्हें कॉल आया है। उन पर पीएम नरेंद्र मोदी का दबाव होगा। आखिर उनके पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अच्छे रिश्ते भी हैं। उन्होंने कहा कि हमारे लिए तो बीजेपी का मुकाबला करना सिद्धांतों की लड़ाई है।
ममता ने कहा कि महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद मुर्मू के पास 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में जीत की बेहतर संभावना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एक आम सहमति वाला उम्मीदवार हमेशा देश के लिए बेहतर होता है।
बीजेपी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पास महाराष्ट्र में हुए डेवलपमेंट के कारण (राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए) बेहतर संभावनाएं हैं। अगर बीजेपी ने मुर्मू के नाम की घोषणा करने से पहले हमारा सुझाव मांगा होता तो हम भी अधिक हितों को ध्यान में रखते हुए इस पर विचार कर सकते थे।
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