शान: जो शोले न बन सकी
बड़े सितारों और भारी बजट के साथ बनी फिल्म ‘शान’ 12 दिसंबर 1980 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। यह फिल्म उस दौर की सबसे चर्चित परियोजनाओं में से एक थी, क्योंकि इसके निर्देशक रमेश सिप्पी थे, जिन्होंने इससे पहले हिंदी सिनेमा को कालजयी फिल्म ‘शोले’ दी थी। शोले की ऐतिहासिक सफलता के बाद लगभग तीन वर्षों की मेहनत से ‘शान’ को तैयार किया गया और इससे दर्शकों व फिल्म इंडस्ट्री को काफी उम्मीदें थीं। ‘शान’ अपने समय की सबसे महंगी फिल्मों में शामिल थी। इसका बजट लगभग 6 करोड़ रुपये था, जो उस दौर में किसी भी हिंदी फिल्म के लिए असाधारण माना जाता था। खास बात यह थी कि यह बजट शोले के मुकाबले लगभग दोगुना था। भव्य सेट, शानदार लोकेशन, बड़े सितारों की मौजूदगी और तकनीकी भव्यता के कारण इसे एक भव्य सिनेमाई अनुभव बनाने की पूरी कोशिश की गई। -दीपक नौगाई
फिल्म को कल्ट क्लासिक का टैग
शान फिल्म के निर्माता को उम्मीद थी कि यह फिल्म शोले की तरह सुपरहिट साबित होगी, लेकिन बड़े नाम, बड़े बजट और भव्य सेट से सजी यह फिल्म अपना जलवा न दिखा सकी। नेगेटिव रिव्यूज के चलते फिल्म दर्शकों के समकक्ष सफलता न प्राप्त कर सकी। हालांकि बाद में फिल्म को कल्ट क्लासिक का टैग मिला और टेलीविजन में बहुत देखी गई। भले ही शान बॉक्स ऑफिस पर कमाल न दिखा सकी हो, पर यह फिल्म के खलनायक ‘शाकाल’ के किरदार के लिए ज्यादा याद की जाती है। गंजे शाकाल की क्रूर अदाकारी आज भी लोगों के जेहन में है।
फिल्म में थे बड़े सितारे
रमेश सिप्पी निर्देशित इस फिल्म के लेखक भी शोले के सलीम खान और जावेद अख्तर थे। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, शत्रुघ्न सिन्हा, सुनील दत्त, शशि कपूर, राखी गुलजार, परवीन बॉबी, बिंदिया गोस्वामी, जॉनी लीवर, मजहर खान आदि ने काम किया था। विलेन की भूमिका नए कलाकार कुलभूषण खरबंदा ने निभाई थी और उन्हें भी शोले के गब्बर की तरह पापुलैरिटी मिली। शाकाल की भूमिका के लिए रमेश सिप्पी पहले संजीव कुमार को लेना चाहते थे, लेकिन उनके पास डेट्स की कमी थी, क्योंकि वह अन्य फिल्मों में व्यस्त थे। गौरतलब है कि शोले के गब्बर सिंह के किरदार के लिए भी पहली पसंद संजीव कुमार ही थे। संजीव कुमार से डेट्स नहीं मिली तो नए कलाकार कुलभूषण खरबंदा को खलनायक के रूप में लेने का निर्णय लिया गया। वे धर्मेंद्र और हेमा मालिनी को भी इस फिल्म में लेना चाहते थे, लेकिन उन दोनों के पास भी समय नहीं था , इसलिए उनकी जगह शशि कपूर और बिंदिया गोस्वामी को लिया गया।
खलनायक किरदार ‘शाकाल’ अमर हो गया
इस फिल्म को बनाने में निर्माता ने काफी खर्च किया था यानी शोले की कमाई बनाने में लगाई गई। समुद्र के बीच में एक द्वीप पर भव्य आधुनिक सेट बनाकर फिल्म की अधिकांश शूटिंग की गई थी। भले ही यह फिल्म न चली हो, लेकिन आरडी बर्मन के संगीत से सजी इस फिल्म का गाना ‘यम्मा यम्मा’, जिसे आरडी बर्मन और मोहम्मद रफी ने गाया था, बहुत हिट हुआ था। इस फिल्म को बने 46 साल हो गए हैं, लेकिन जब भी बॉलीवुड सिनेमा के खलनायकों की बात होती है, तो उसमें शाकाल का नाम भी जरूर शामिल होता है।
