नारी सशक्तिकरण: पहाड़ की बेटी ने नृत्य से गढ़ी अपनी राह

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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क्या आपने कभी सोचा है कि संसाधनों की कमी और पहाड़ जैसी तमाम परेशानियों का सामना करने वाली छोटे से पहाड़ी कस्बे की बेटी अपनी घरेलू जिम्मेदारियों के बीच अपने हुनर को सोशल मीडिया के माध्यम से एक अंतर्राष्ट्रीय मंच तक ले जा सकती है? लेकिन ऐसा हुआ है और यह कर दिखाया है, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की रहने वाली जानकी रावत ने, जिन्होंने नृत्य के प्रति अपने बचपन के शौक को न केवल एक पहचान बनाया, बल्कि इसे आत्मनिर्भरता का माध्यम भी बना लिया। जानकी आज उन सभी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा हैं, जो मानती हैं कि उम्र या परिस्थितियां सपनों की राह में बाधा बन सकती हैं। -- रमेश जड़ौत, अल्मोड़ा

जागेश्वर में जन्मी जानकी रावत को बचपन से ही संगीत का काफी शौक था और पह नृत्य को अपना कैरियर बनाने का सपना देखती थी। स्कूल, कॉलेज के अलावा आसपास के इलाकों में उन्हें जहां भी अपनी प्रतिभा का हुनर दिखाने का मौका मिलता। वह उससे नहीं चूकती। कुमाऊं यूनिवर्सिटी से एम.ए. की शिक्षा प्राप्त करने के बाद जानकी का विवाह हुआ। शादी और घरेलू दायित्वों के बावजूद, उन्होंने अपने अंदर के कलाकार को मरने नहीं दिया। स्कूल के दिनों से ही मंच पर अपनी छाप छोड़ने वाली जानकी के लिए पारिवारिक सहयोग एक ऐसी शक्ति बनकर उभरा, जिसने उन्हें अपनी कला को सोशल मीडिया के विशाल मंच पर प्रस्तुत करने का साहस दिया। ससुराल में पारिवारिक जिम्मेदारियों के बाद भी जानकी ने अपने कदम डिगने नहीं दिए। अलग-अलग मंचों पर अपनी प्रस्तुति के साथ ही उन्होंने अपने पति के सहयोग से अपनी प्रतिभा को सोशल मीडिया पर पहचान दिलाने की कोशिश शुरु की। शुरुआत में उन्होंने इंस्टाग्राम पर डांस रील्स बनाना शुरू किया। उनकी कुमाऊंनी संस्कृति से जुड़ी प्रस्तुतियों को दर्शकों ने खूब सराहा। इस सकारात्मक प्रतिक्रिया ने उन्हें यूट्यूब चैनल जानकी रावत ब्लॉग शुरू करने के लिए प्रेरित किया। जिस पर उनकी इस प्रतिभा की सराहना करने वाले दर्शकों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। साथ ही अब सोशल मीडिया अब जानकी के लिए आजीविका का जरिया भी बन गया है।

कड़ी मेहनत ने मिलने लगा मंचीय सम्मान

पिथौरागढ़ निवासी जानकी रावत की अपने हुनर के प्रति शिद्दत अब रंग लाने लगी है और उन्हें अब मंचीय सम्मान भी मिलने लगा है। वर्ष 2025 जानकी के लिए बेहद खास रहा। इस साल देश की सुप्रसिद्ध संस्कार सांस्कृतिक समिति अल्मोड़ा ने प्रतिष्ठित गोल्ज्यू महोत्सव 2025 में अपने जीवन का पहला स्टेज शो करने का मौका दिया। जानकी ने यहां भी अपने हुनर का जमकर जादू बिखेरा और दर्शकों की खूब वाहवाही भी लूटी।

आत्मविश्वास बांटने की पहल

जानकी रावत ने अपनी सफलता को केवल व्यक्तिगत नहीं रखा। अपने अनुभव और कोरियोग्राफी के ज्ञान का उपयोग करते हुए उन्होंने अब पिथौरागढ़ में अपनी डांस क्लास शुरू की है। यहां वह सिर्फ नृत्य नहीं सिखाती, बल्कि महिला सशक्तिकरण का बीज बोती हैं। उनकी कक्षा में बच्चियां और महिलाएं अपनी रचनात्मकता को पहचान रही हैं और आत्मविश्वास हासिल कर रही हैं। यह पहल दिखाती है कि एक सफल महिला न केवल खुद आगे बढ़ती है, बल्कि दूसरी महिलाओं के लिए भी रास्ते बनाती है। जानकी की यात्रा यह सिद्ध करती है कि प्रत्येक महिला के अंदर एक अनूठी प्रतिभा छिपी होती है। जरूरत है उसे पहचानने और सही मंच देने की। आपकी परिस्थितियां चाहे जो भी हों, दृढ़ इच्छाशक्ति और परिवार के थोड़े से सहयोग से आप भी अपनी पहचान बना सकती हैं।