जानें कौन हैं शिक्षा भर्ती घोटाले में गिरफ्तार ममता सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी ?

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में एसएससी भर्ती घोटाले में संलिप्तता के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उद्योग मंत्री, पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया है। पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट की तलाशी कर शुक्रवार को ईडी ने 20 करोड़ रुपये से अधिक रुपये …

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में एसएससी भर्ती घोटाले में संलिप्तता के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उद्योग मंत्री, पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया है। पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट की तलाशी कर शुक्रवार को ईडी ने 20 करोड़ रुपये से अधिक रुपये जब्त किये थे. लगभग 50 लाख रुपये का सोना, जमीन का कागजात और कई अवैध संपत्तियां जब्त की गई हैं।

बता दें, कि एसएससी भर्ती घोटाले के आरोप के बाद कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिये थे. सीबीआई उनसे और वर्तमान के शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी से पूछताछ भी कर चुकी थी, लेकिन जब इस मामले में आर्थिक लेनदेन का मामला सामने आया, तो प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की जांच अपने हाथों में लिया है।

कौन हैं पार्थ चटर्जी?
पार्थ चटर्जी का जन्म 6 अक्टूबर 1952 को कोलकाता में हुआ था। उन्होंने रामकृष्ण मिशन विद्यालय, नरेंद्रपुर से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। उसके बाद उन्होंने आशुतोष कॉलेज से अर्थशास्त्र की पढ़ाई पूरी की। बाद में उन्होंने ISWBM से MBA की डिग्री हासिल किया। इसके बाद उन्होंने मल्टीनेशनल कंपनी एंड्रयू यूल ग्रुप में बतौर ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर काम भी किया।

पार्थ चटर्जी पश्चिम बंगाल सरकार में वाणिज्य और उद्योग विभाग के वर्तमान मंत्री हैं। वे राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। उनके पास अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के पश्चिम बंगाल के महासचिव का राजनीतिक पद भी है। पार्थ को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का काफी करीबी नेता माना जाता है। वे तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर 2001, 2006, 2011, 2016 और 2021 में लगातार पांच बार विधायक चुने जा चुके हैं।

पार्थ चटर्जी का राजनीतिक करियर
पार्थ चटर्जी का राजनीतिक करियर 2001 में चमका। इसी साल वह बेहाला पश्चिम विधानसभा सीट से पहली बार विधायक चुने गए। इसके बाद साल 2006 में उन्होंने दोबारा जीत हासिल की। जिसके बाद उन्हें पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष का नेता चुना गया। 2011 में उन्होंने लगातार तीसरी बार जीत पाई। इस बाद उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवार को 59,021 के भारी अंतर से मात दी। इसके बाद 2016 और 2021 में भी बेहाला पश्चिम की जनता ने उन्हें विधायक चुना।

2011 पहली बार मिला कैबिनेट मंत्री का पद
उन्होंने 20 मई 2011 को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। तब उन्हें वाणिज्य और उद्योग, सार्वजनिक उद्यम, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स और संसदीय मामलों के विभागों को आवंटित किया गया था। 2016 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद उन्हें उच्च शिक्षा और स्कूल शिक्षा विभाग का मंत्रालय सौंपा गया। 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में लगातार पांचवी बार जीतने के बाद उन्हें दोबारा वाणिज्य और उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स के विभाग दिए गए।

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