रामनगर: अपने वास स्थल की सुरक्षा के इंतजार में मां गिरिजा, रुड़की के इंजीनियरों के सुझाव भी दरकिनार
विनोद पपनै, रामनगर। अभयदान देने वालीं मां गिरिजा देवी का वास स्थल सुरक्षा का मोहताज बन गया है। मां के दरबार में जिम्मेदार अधिकारी माथा टेकने पहुंचते हैं, लेकिन दुर्भाग्य यह कि खतरे में पड़े उसी मां के वास स्थल को सुधारने की जिम्मेदारी के प्रति आंख मूंद लेते हैं। ऐतिहासिक मां गिरिजा देवी मंदिर …
विनोद पपनै, रामनगर। अभयदान देने वालीं मां गिरिजा देवी का वास स्थल सुरक्षा का मोहताज बन गया है। मां के दरबार में जिम्मेदार अधिकारी माथा टेकने पहुंचते हैं, लेकिन दुर्भाग्य यह कि खतरे में पड़े उसी मां के वास स्थल को सुधारने की जिम्मेदारी के प्रति आंख मूंद लेते हैं।
ऐतिहासिक मां गिरिजा देवी मंदिर कुमाऊं-गढ़वाल के प्रवेश द्वार पर स्थित है। मंदिर के टीले पर दरार आई हुई है, लेकिन मंदिर के इस टीले की सुरक्षा के अभी आसार नहीं दिखाई देते हैं। मंदिर का यह टीला कब भरभराकर नदी में समा जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। टीले की सुरक्षा की मांग विधायक दीवान सिंह बिष्ट से लेकर आम लोग काफी समय से करते आ रहे हैं। जिलाधिकारी, नैनीताल धीराज सिंह गर्ब्याल ने भी इस संबंध में आईआईटी रुड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. सत्येन्द्र मित्तल को पिछले साल पत्र लिखा था। पत्र में गिरजा देवी मंदिर की सुरक्षा का अनुरोध किया गया था, जिस पर आईआईटी रुड़की की टीम ने बाकायदा इसका निरीक्षण भी किया था।
2.43 करोड़ रुपये का बना था इस्टीमेट
बताया जाता है कि मंदिर के टीले के लिए 2.43 करोड़ रुपये का इस्टीमेट बनाया गया था, जिसके तहत मन्दिर के टीले में एंकर बोर्ड का प्राविधान रखा गया था, मगर एंकर बोर्ड के प्रस्ताव को अधिकारियों ने यह कहकर खारिज कर दिया कि यह टीले की सुरक्षा के हिसाब से उचित नही है। साथ ही जो बजट बनाया गया, उससे मंदिर के टीले की पर्याप्त सुरक्षा की व्यवस्था नहीं हो पाएगी।
सिंचाई विभाग का प्रस्ताव भी खारिज
मंदिर की सुरक्षा के लिए इस साल सिंचाई विभाग ने फिर से 4.55 करोड़ रुपये का बजट शासन को भेजा था। इसके तहत मंदिर के चारो ओर आरसीसी वॉल बननी थी जिससे टीले को स्थायी तौर पर सुरक्षित किया जा सके। इस प्रस्ताव को 13 जुलाई 2022 को राज्य तकनीकी सलाहकार समिति की बैठक में यह कहकर खारिज कर दिया गया कि यह सुरक्षा प्रस्ताव नाकाफी है। तर्क यह दिया गया कि मंदिर के चारो ओर जो आरसीसी की रिटर्निंग वॉल बनाई जानी है, उससे सुरक्षा सम्भव नही है। मंदिर के चारो ओर ऊपर तक रिटर्निंग वॉल बनाई जाए।
अब नये सिरे से प्रस्ताव, इस्टीमेट
सिंचाई खंड के सहायक अभियंता मयंक मित्तल का कहना है कि अब नए प्रस्ताव के तहत मंदिर के चारो ओर आरसीसी की ऊंवी रिटर्निंग वॉल बनाने का सुझाव 13 जुलाई की तकनीकी समिति की बैठक में विभाग को दिया गया है। इसके लिए नए सिरे से प्रस्ताव व इस्टीमेट बनाया जाना है। अब सिंचाई विभाग को फिर से नया प्रस्ताव बनाना होगा। वहीं, कोसी निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता तरुण कुमार बंसल का कहना है कि गिरिजा मंदिर को संरक्षित और सुरिक्षत किये जाने की दिशा में नया प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है।
