पी-नोट्स के जरिए निवेश अक्टूबर में बढ़कर 97,784 करोड़ रुपए पर, एक साल का उच्चस्तर
पी-नोट्स पंजीकृत पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा उन विदेशी निवेशकों को जारी किए जाते हैं जो बिना सीधे पंजीकरण के भारतीय शेयर बाजारों में निवेश करना चाहते हैं। सितंबर के अंत तक यह आंकड़ा 88,813 करोड़ रुपये था। इस साल अक्टूबर के अंत तक पी-नोट्स के जरिये निवेश का आंकड़ा अक्टूबर, 2021 के बाद से सबसे ऊंचा है।
नई दिल्ली। भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये निवेश अक्टूबर के अंत तक बढ़कर 97,784 करोड़ रुपये हो गया। यह एक साल का उच्चस्तर है। यह लगातार तीसरा महीना है जब इस मार्ग के जरिये पूंजी बाजार में निवेश बढ़ा है। पी-नोट्स पंजीकृत पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा उन विदेशी निवेशकों को जारी किए जाते हैं जो बिना सीधे पंजीकरण के भारतीय शेयर बाजारों में निवेश करना चाहते हैं।
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हालांकि, इसके लिए उन्हें जांच-परख की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय बाजारों....इक्विटी, बॉन्ड और हाइब्रिड प्रतिभूतियों में अक्टूबर के अंत तक पी-नोट्स के जरिये निवेश 97,784 करोड़ रुपये पर था। सितंबर के अंत तक यह आंकड़ा 88,813 करोड़ रुपये था। इस साल अक्टूबर के अंत तक पी-नोट्स के जरिये निवेश का आंकड़ा अक्टूबर, 2021 के बाद से सबसे ऊंचा है। उस समय यह आंकड़ा 1.02 लाख करोड़ रुपये रहा था।
अगस्त के अंत तक पी-नोट्स के जरिये निवेश 84,810 करोड़ रुपये, जुलाई के अंत तक 75,725 करोड़ रुपये और जून के अंत तक 80,092 करोड़ रुपये रहा था। पी-नोट्स के जरिये निवेश का रुख आमतौर पर एफपीआई निवेश के अनुरूप रहता है।
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