बुनियादी आर्थिक गतिविधि मजबूत लेकिन बाहरी कारक विकास के लिए अवरोधक होंगे : शक्तिकांत दास

Amrit Vichar Network
Published By Moazzam Beg
On

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि भारत में बुनियादी आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं, लेकिन बाहरी कारकों से अर्थव्यवस्था को कुछ 'नुकसान' होगा। दास ने बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा आयोजित 'बीएफएसआई इनसाइट समिट 2022' में कहा कि आरबीआई 70 तेजी से बढ़ने वाले संकेतकों पर नजर रखता है और उनमें से ज्यादातर 'अच्छी स्थिति ' में हैं। 

ये भी पढ़ें- शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स-निफ्टी में उछाल, रुपया 5 पैसे टूटा

उन्होंने कहा कि ये बाहरी कारक है, जो दुनिया के एक बड़े हिस्से में मंदी के डर से प्रेरित है, जहां चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि बाहरी मांग का प्रभाव अर्थव्यवस्था को 'प्रभावित' करेगा। केंद्रीय बैंक ने इस महीने की शुरुआत में अगले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपने वृद्धि अनुमान को पहले के सात प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया। दास ने कहा कि भारतीय वित्तीय क्षेत्र लचीला बना हुआ है और काफी बेहतर स्थिति में है। 

उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि के लिए नियामक और वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों, दोनों का श्रेय है। दास ने कहा कि मौद्रिक नीति मुद्रास्फीति और विकास पर घरेलू कारकों द्वारा निर्देशित होती रहेगी। इसके अलावा यह अमेरिकी फेडरल बैंक की कार्रवाई जैसी अन्य इनपुट को भी ध्यान में रखता है। दास ने मुद्रास्फीति पर कहा कि महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच 'बेहद समन्वित प्रयास' रहा है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि जमा और क्रेडिट वृद्धि के बीच पूर्ण रूप से कोई खास अंतर नहीं है, आधार प्रभाव दोनों के वृद्धि आंकड़े को अलग-अलग दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्ण संख्या में ऋण वृद्धि दो दिसंबर, 2022 तक 19 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि जमा वृद्धि 17.5 लाख करोड़ रुपये थी। 

ये भी पढ़ें- बड़ी खबर : Twitter के CEO पद से इस्तीफा देंगे Elon Musk

 

संबंधित समाचार