ऋषभ पंत की गैरमौजूदगी में ईशान किशन टेस्ट टीम में जगह के मजबूत दावेदार : मोहम्मद अजहरुद्दीन
किशन भी पंत की तरह ही बेखौफ होकर खेलते है और वह बायें हाथ के बल्लेबाज है
अबुधाबी। भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट श्रृंखला के लिए ऋषभ पंत की गैरमौजूदगी में विकेटकीपर बल्लेबाज के लिए ईशान किशन बेहतर विकल्प हो सकते है। यूएई में इंटरनेशनल लीग टी 20 में कमेंटेटर की भूमिका निभा रहे अजहर ने एक साक्षात्कार में कहा कि पंत के साथ जो हुआ वह बेहद ही दुखद है। टेस्ट टीम में उनकी जगह को भरना मुश्किल है लेकिन आक्रामक शैली की बल्लेबाजी के कारण किशन टीम में जगह के मजबूत दावेदार है।
ऋषभ पंत दिसंबर के आखिरी सप्ताह में दिल्ली से रुड़की जाते समय कार दुर्घटना में बुरी तरह से घायल हो गये थे। चोट से उबरने के दौरान वह 2023 सत्र के ज्यादातर समय तक खेल से दूर रहेंगे। अजहर ने कहा, पंत के साथ काफी बुरा हुआ। भारतीय टेस्ट टीम में किशन को चुना गया है और वह जिस तरह की लय में है मुझे लगता है कि विकेटकीपर बल्लेबाज के लिए वह ज्यादा मजबूत दावेदार होंगे।
दायें हाथ के इस पूर्व कलात्मक बल्लेबाज ने कहा, किशन भी पंत की तरह ही बेखौफ होकर खेलते है और वह बायें हाथ के बल्लेबाज है। भारत के शीर्ष और मध्यक्रम में इस तरह(बायें हाथ के बल्लेबाज) की विविधता की जरूरत है। कोणा भरत की मौजूदगी के कारण टेस्ट टीम की अंतिम एकादश में जगह बनाना हालांकि किशन के लिए आसान नहीं होगा। भरत लगभग एक साल से टीम के साथ है और उन्होंने पिछले डेढ़ महीने में प्रथम श्रेणी के चार मैचों में तीन अर्धशतकीय पारी खेली है जिसमें बांग्लादेश ए के खिलाफ भारत ए का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्होंने 77 रन बनाये थे।
किशन बांग्लादेश के खिलाफ दोहरा शतक जड़ने के बावजूद एकदिवसीय टीम में अपनी जगह बरकरार नहीं रख पाये। अजहर ने किशन के साथ सूर्यकुमार यादव को टेस्ट टीम में चुनने के फैसले की सराहना की लेकिन श्रीलंका के खिलाफ शुरुआती दो एकदिवसीय मैचों में इन दोनों को मौका नहीं देने के फैसले से खुश नहीं दिखे। उन्होंने कहा, खिलाड़ी जब लय में होता है तो उसे टीम से बाहर बैठना सही नहीं होता है। सूर्यकुमार यादव के पास तीनों प्रारूपों में भारतीय टीम के लिए खेलने की क्षमता है। उन्होंने हाल में रणजी मैचों में भी दमदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, सूर्यकुमार की बल्लेबाजी को जितना मैंने देखा है यह कह सकता हूं कि रोहित शर्मा और विराट कोहली की तरह वह भी हर प्रारूप में खेल सकते है। भारत को काफी समय के बाद ऐसे बल्लेबाज मिला है जो तीनों प्रारूप में खेल सकता है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 15,000 से अधिक रन बनाने वाले इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा, टीम में जगह बनाना काफी मुश्किल है ऐसे में इन दोनों खिलाड़ियों को मौका मिलने पर खुद का साबित करना होगा भारतीय टीम का 221 मैचों (टेस्ट और एकदिवसीय) मैचों में नेतृत्व करने वाले इस पूर्व खिलाड़ी ने इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हर प्रारूप के लिए अलग कप्तान रखने की वकालत की। उन्होंने कहा, अब काफी क्रिकेट खेल जा रहा है। ऐसे में टीमों को नियमित सफलता हासिल करने के लिए हर प्रारूप में अलग कप्तान रखने की जरूरत होगी। सिर्फ कप्तान ही नहीं मैं चाहूंगा अलग प्रारूप के कोच भी अलग हो।
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