कोविड रोधी टीकों के दुष्प्रभाव वाली मीडिया रिपोर्ट त्रुटिपूर्ण: स्वास्थ्य मंत्रालय

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Published By Vikas Babu
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नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि मीडिया में आई वह रिपोर्ट त्रुटिपूर्ण है जिसमें दावा किया गया है कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के अधिकारियों ने ‘कोविड रोधी टीकों के विभिन्न दुष्प्रभावों’ की बात स्वीकार की है।

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सूचना के अधिकार (आरटीआई) संबंधी एक जवाब का हवाला देते हुए हाल में एक समाचार रिपोर्ट में दावा किया गया कि आईसीएमआर और सीडीएससीओ के अधिकारियों ने कोविड रोधी टीकों के दुष्प्रभावों को स्वीकार किया है।

मंत्रालय ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, "यह स्पष्ट किया जाता है कि समाचार रिपोर्ट एक गलत सूचना है और यह गलत जानकारी प्रदान करती है।" इसने एक बयान में कहा कि आईसीएमआर के जवाब में केवल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) और स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रतिष्ठित वेबसाइट के लिंक प्रदान किए गए जहां विभिन्न कोविड रोधी टीकों पर संकलित वैश्विक साक्ष्य उपलब्ध हैं।

बयान में कहा गया कि जैसा कि अन्य सभी टीकों के मामले में होता है, जिन लोगों को विभिन्न कोविड रोधी टीके लगाए जाते हैं, वे इंजेक्शन वाली जगह पर असहजता, दर्द, सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों में दर्द, रुग्णता, ज्वर, ठंड, जोड़ों का दर्द आदि जैसे हल्के लक्षण महसूस कर सकते हैं।

इसमें कहा गया कि दुर्लभ रूप से कुछ लोग गंभीर प्रतिकूल परेशानी का सामना कर सकते हैं जो कुछ स्थितियों पर निर्भर करता है। मंत्रालय ने बयान में कहा कि वैश्विक अध्ययनों से पता चला है कि कोविड रोधी टीकाकरण ने अस्पताल में भर्ती होने और महामारी के कारण होने वाली मौतों को रोककर रोग की गंभीरता को कम करने में मदद की है तथा टीकों के लाभ किसी भी प्रतिकूल प्रभाव से बहुत अधिक हैं।

इसमें कहा गया कि भारत में, टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) ने समय-समय पर देश में उपयोग किए जाने वाले कोविड रोधी टीकों के लाभों और दुष्प्रभावों की समीक्षा की है और उपरोक्त निष्कर्षों का समर्थन किया है।

बयान के अनुसार, सीडीएससीओ ने आरटीआई आवेदन के जवाब में यह भी कहा कि राष्ट्रीय औषधि महानियंत्रक द्वारा अनुमोदित कोविड रोधी टीकों की सूची वेबसाइट पर उपलब्ध है। सीडीएससीओ ने यह भी बताया कि उसके पास इस विषय पर कोई अन्य जानकारी नहीं है। मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि आईसीएमआर ने किसी भी ऐसे दस्तावेज पर टिप्पणी नहीं की है, जिसके लिंक आरटीआई के तहत जवाब के रूप में साझा किए गए हैं।

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