तलाकशुदा बेटी को परिवार पेंशन का हक, सुधारों से कामकाजी महिलाओं के लिए आसानी: डॉ. सिंह 

तलाकशुदा बेटी को परिवार पेंशन का हक, सुधारों से कामकाजी महिलाओं के लिए आसानी: डॉ. सिंह 

नई दिल्ली। तलाकशुदा पुत्री अपने माता-पिता की मृत्यु के बाद परिवार-पेंशन की हकदार हो सकती है , बशर्ते उसकी तलाक की अर्जी माता-पिता की मृत्यु से पहले दायर की गयी हो। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को एक ब्रीफिंग में महिला कर्मियों की सुविधा के लिए मोदी सरकार द्वारा किए गए महत्ववपूर्ण निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार ने हाल में एक कार्यालय ज्ञापन (ओएम) जारी किया है।

कार्मिक विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार डॉ. सिंह ने ब्रीफ्रिंग में कहा कि तलाक का आदेश यदि माता-पिता की मौत के बाद आया हो तो भी उस बेटी का परिवार पेंशन में हक बनेगा, पर उसकी तलाक की याचिका दायर होने की तारीख माता पिता की मौत से पहले की होनी चाहिए।

डॉ. सिंह के पास केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन , विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा कई अन्य विभागों की जिम्मेदारी भी है। डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि इसी तरह नयी पेंशन योजना (एनपीएस) के अंतर्गत आने वाले लापता कर्मचारी के परिवार को सदस्य गुमशुदी की प्राथमिक रिपोर्ट लिखवाए जाने के छह महीने के अंदर परिवार पेंशन मिल सकती है।

इसके लिए उन्हें अब सात वर्ष का इंतजार नहीं करना पड़ेगा जबकि गुमशुदा व्यक्ति को मृत मान लिया जाता था। उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में जहां कर्मचारी की मौत सात वर्ष की नौकरी पूरा होने से पहले हो जाती है वहां भी परिवार को बढ़ी दर से परिवार पेंशन दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

इसके तहत पहले10 वर्ष तक अंतिम वेतन के 50 प्रतिशत की दर से और उसके बाद 30 प्रतिशत की दर से पेंशन देने की व्यवस्था की गयी है। डॉ. सिंह ने कर्मचारियों को 730 दिन तक तक शिशु सुश्रुषा अवकाश देने और इस दौरान विधिवत अनुमति लेकर विदेश जाने तक की छूट जैसे प्रावधानों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले साढ़े आठ साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शासन संचालन में किए गए सुधारों से कामकाजी महिलाओं के लिए काम करने का वातावरण अनुकूल हुआ है।

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