'यौद्धा' हसीना बनी बांग्लादेश में 'दूसरी क्रांति' की वाहक, M J Akbar ने की PM शेख हसीना ने की तारीफ

'यौद्धा' हसीना बनी बांग्लादेश में 'दूसरी क्रांति' की वाहक, M J Akbar ने की PM शेख हसीना ने की तारीफ

कोलकाता। वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री एम. जे. अकबर ने कहा कि शेख मुजीबुर्रहमान की क्रांति ने 1971 में बांग्लादेश को आजादी दिलाई, वहीं उनकी बेटी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने तानाशाही को हराकर और लोकतंत्र को फिर से स्थापित करके ‘‘दूसरी क्रांति’’ को अंजाम दिया। अकबर ने शेख हसीना को बंगाल की एक ‘‘यौद्धा’’ बताते हुए कहा कि बांग्लादेश एक ‘‘आधुनिक’’ राष्ट्र बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है।

 संगठन ‘इंडिया नैरेटिव’ द्वारा कोलकाता में भारत-बांग्लादेश संबंधों पर आयोजित एक कार्यक्रम में ढाका के लेखक एवं पत्रकार सैयद बद्रूल एहसान के साथ बातचीत के दौरान अकबर ने यह बात कही। राज्यसभा के पूर्व सदस्य अकबर ने कहा, ‘‘1971 की लड़ाई केवल आज़ादी की लड़ाई नहीं थी। वह विचारधारा की लड़ाई थी।’’ शेख मुजीबुर्रहमान ने 1971 में पूर्वी पाकिस्तान को मुक्त कराने और बांग्लादेश के गठन के लिए हुए विद्रोह का नेतृत्व किया था। 

अकबर ने कहा कि उनकी बेटी ‘‘प्रधानमंत्री शेख हसीना ने तानाशाही को मात देकर लोकतंत्र दोबारा स्थापित कर दूसरी क्रांति का नेतृत्व किया।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें ‘‘बांगाबीर’’ (बंगाल की योद्धा) कहा जा सकता है। वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि फ्रांसीसी क्रांति के समय से ही लोग स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के बारे में सुनते आ रहे हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘अब इसमें एक और महत्वपूर्ण पहलू आधुनिकता जोड़ा जाना चाहिए। लोकतंत्र, धार्मिक स्वतंत्रता और गरीबी दूर करने के लिए आधुनिकता ही सबसे महत्वपूर्ण है। बांग्लादेश आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है।’’ वहीं एहसान ने कहा कि बांग्लादेश एक मजबूत राष्ट्र है। उसने आजाद होने के एक साल के भीतर अपने संविधान को अपनाया और दो साल के भीतर अपना पहला आम चुनाव कराया। 

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