कर्त्तव्य पथ पर बिखरी भारत की लोक- कलाओं और सांस्कृतिक परम्पराओं की मनोहर छटा
नई दिल्ली। चौहत्तरवें गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर गुरुवार को कर्त्तव्य पथ पर देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक प्रगति और मजबूत आंतरिक एवं बाहरी सुरक्षा को दर्शाती 23 झांकियां निकाली गयीं।
इनमें विभिन्न राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की 17 और विभिन्न मंत्रालयों तथा विभागों की छह झांकियां शामिल थीं। सेंट्रल विस्टा के उद्घाटन के बाद पहली बार गुरुवार को कर्त्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन हुआ इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में नारी शक्ति और जनभागीदारी को प्राथमिकता से दिखाया गया।
सबसे पहले आंध्र प्रदेश की झांकी निकली, जिसमें प्रभाला तीर्थम यानी मकर संक्रांति के दौरान किसानों के त्योहार को दर्शाया गया। आंध्र प्रदेश की झांकी जैसे ही कर्त्तव्य पथ पर निकली, लोगों ने तालियां बजाकर कलाकारों का अभिवादन किया।
असम की झांकी नायकों और अध्यात्मवाद की भूमि की थीम पर आधारित थी। इसमें कामख्या मंदिर और बिहु नृत्य को दर्शाया गया।
पर्यटन और समग्र संस्कृति को समेटी हुई लद्दाख की झांकी में जब कर्त्तव्य पथ से गुजरी, तो दर्शकों ने तालियां बजाकर कलाकारों का स्वागत किया।
उत्तराखंड की झांकी मानसखंड पर आधारित थी। इसमें उत्तराखंड के तीर्थ स्थलों को दिखाया गया। उतराखंड की झांकी जब कर्त्तव्य पथ से गुजरी, तो दर्शक मनोहर छटा को अपने मोबाइल फोन के कैमरे में कैद करते दिखे।
त्रिपुरा की झांकी में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के साथ त्रिपुरा में पर्यटन और जैविक खेती के माध्यम से सतत आजीविका हासिल करने की प्रक्रिया को दिखाया गया।
गुजरात की झांकी स्वच्छ हरित ऊर्जा कुशल गुजरात पर आधारित थी। लोगों ने तालियां बजाकर कलाकारों की हौसला अफजाई की।
झारखंड की झांकी में बाबा बैद्यनाथ धाम को दर्शाया गया। इसमें आदिवासियों के भगवान बिरसा मुंडा को भी दर्शाया गया।
अरुणाचल प्रदेश की झांकी अरुणाचल प्रदेश में पर्यटन की संभावनाएं पर आधारित थी। कर्तव्य पथ पर दर्शकों ने तालियां बजाकर कलाकारों की हौसला अफजाई की और सूर्योदय के प्रदेश की मनोहर छटा को अपने मोबाइल के कैमरों में कैद किया।
जम्मू- कश्मीर की झांकी नया जम्मू- कश्मीर पर आधारित थी। इसमें दिखाया गया कि प्रदेश से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद किस तरह से बदलाव आया है।
केरल की झांकी में नारी शक्ति को दर्शाया गया। इसमें दिखाया गया कि किस तरह के नारियां घरेलू कार्यों के अलावा अन्य क्षेत्रों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं।
पश्चिम बंगाल की झांकी में कोलकाता में दुर्गा पूजा, यूनेस्को द्वारा मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत को दिखाया गया। कर्त्तव्य पथ पर जब कलाकारों ने मां दुर्गा का मंत्र प्रस्तुत किया, तो दर्शक मुग्ध हो गये।
तीन शक्तिपीठ और नारी शक्ति को समेट जब महाराष्ट्र की झांकी निकली, तो दर्शकों ने तालियां बजाकर कलाकारों की हौसला अफजाई की।
तमिलनाडु, कर्नाटक और हरियाणा की झांकी को भी लोगों ने काफी सराहा और तालियां बजाकर कलाकारों की हौसला अफजाई की।
दादर नगर हवेली और दमन और दीव की झांकी जनजातीय संस्कृति और विरासत के संरक्षण पर आधारित थी, जबकि उत्तर प्रदेश की झांकी में अयोध्या दीपोत्सव को दर्शाया गया, जिसे लोगों ने काफी सराहा और तालियां बजाकर कलाकारों का हौसला बढ़ाया।
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