26 जनवरी: भारत की पहली गणतंत्र दिवस परेड, मुख्य अतिथि का चयन...जानिए सब कुछ

26 जनवरी: भारत की पहली गणतंत्र दिवस परेड, मुख्य अतिथि का चयन...जानिए सब कुछ

नई दिल्ली। देश में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के मौके पर दिल्ली के इरविन स्टेडियम (अब मेजर ध्यानचंद नैशनल स्टेडियम) में पहली गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन किया गया था। देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने तिरंगा फहराकर स्टेडियम में परेड की सलामी ली थी। तब इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्‍ट्रपति सुकर्णो इस आयोजन के मुख्य अतिथि बने थे।

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भारत के गणतंत्र दिवस की परेड में बतौर मुख्य अतिथि किसी राष्ट्राध्यक्ष का चयन करते समय देश के राजनीतिक, वाणिज्यिक, सैन्य और आर्थिक हितों सहित कई बातों पर विचार किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रक्रिया छह महीने पहले शुरू हो जाती है और सबसे अहम व निर्णायक कारक संबंधित देश के साथ भारत का रिश्ता होता है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर गुरुवार को कर्तव्य पथ पर तिरंगा फहराया। राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के बाद 21 तोपों की सलामी दी गई और गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत हो गई है। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी थी।

गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत परमवीर चक्र और अशोक चक्र के विजेताओं के साथ हुई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लिया। समारोह में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर मार्चिंग टुकड़ियों ने कर्तव्य पथ पर मार्च किया। लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत के नेतृत्व में 144 युवा नाविकों की नौसेना टुकड़ी ने आकस्मिक कमांडर के रूप में कर्तव्य पथ पर मार्च किया। 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर असम राइफल्स की टुकड़ी ने कर्तव्य पथ पर मार्च किया। 74वें गणतंत्र दिवस पर अटारी-वाघा सीमा पर BSF और पाकिस्तानी रेंजर्स ने मिठाइयों का आदान-प्रदान किया। 

इतिहास में पहली बार मार्च करने वाली टुकड़ी में 3 महिलाएं और 6 पुरुष अग्निवीर शामिल हैं।  27 वायु रक्षा मिसाइल रेजिमेंट की आकाश मिसाइल सिस्टम, अमृतसर एयरफील्ड का नेतृत्व कैप्टन सुनील दशरथ और 512 लाइट एडी मिसाइल रेजिमेंट (एसपी) की लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा कर रही हैं। 75 आर्मर्ड रेजीमेंट के मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन की टुकड़ी कर्तव्य पथ पर मार्च किया। कार्तव्य पथ पर पहली बार मार्चिंग मिस्र के सशस्त्र बलों का संयुक्त बैंड और मार्चिंग दल है। दल का नेतृत्व कर्नल महमूद मोहम्मद अब्देल फत्ताह एल खारासावी ने किया।

राजपथ का नाम कर्तव्य पथ होने के बाद हुई पहली गणतंत्र दिवस परेड में बीएसएफ के ऊंट दस्ते में पहली बार महिलाएं शामिल हुईं। गणतंत्र दिवस पर पहली बार मिस्र का कोई नेता मुख्य अतिथि बना और पहली बार स्वदेश निर्मित गन से सलामी दी गई। नेवी का आईएल-38 विमान पहली व आखिरी बार इस परेड में शामिल हुआ।

अहमदाबाद के कलाकार पार्थ कोठेकर के हैंड कट पेपर इलस्ट्रेशन को गूगल ने भारत के 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर अपने डूडल के लिए चुना है। रिपोर्ट्स हैं कि उनका काम लंदन के नैचुरल हिस्ट्री म्यूज़ियम में प्रदर्शित किया गया है। बकौल रिपोर्ट्स, उन्हें 2016 में न्यूज़ीलैंड सरकार द्वारा अपना आर्टवर्क प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित किया गया था।

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