हल्द्वानी: एसटीपी का ट्रायल हुआ खत्म, प्रतिदिन हो रहा 10-12 मीट्रिक लीटर सीवर ट्रीट

हल्द्वानी: एसटीपी का ट्रायल हुआ खत्म, प्रतिदिन हो रहा 10-12 मीट्रिक लीटर सीवर ट्रीट

हल्द्वानी,अमृत विचार। अमृत योजना के तहत शहर में स्थापित 28 मीट्रिक लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले कुमाऊं के पहले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का ट्रायल खत्म हो गया है। इसका ट्रायल अक्टूबर से शुरू हुआ था और जनवरी तक इसे ट्रायल फेज में चलाया जा रहा था। 35 करोड़ में बने इस प्लांट में प्रतिदिन 10-12 मीट्रिक लीटर सीवर ट्रीट किया जा रहा है। इसकी कुल क्षमता 28 मीट्रिक लीटर प्रतिदिन है।

प्लांट में चार स्तर पर सीवर को ट्रीट किया जा रहा है। प्रथम स्तर पर सीवर को कोएर्स स्क्रीनिंग प्लांट से गुजारते हुए हेवी मैटीरियल्स को अलग कर  लिया जाता है, दूसरे स्तर पर सीवर के प्राइमरी ट्रीटमेंट के लिए तीन फेज पर काम होता है जिसमें प्रथम फेज में चैंबर में सीवर से प्लास्टिक और अन्य अजैविक उत्पादों को अलग कर लिया जाता है, दूसरे फेज की 6 एमएम स्क्रीनिंग में गुटखा और प्लास्टिक के अन्य छोटी थैलियों को अलग कर लिया जाता है, तीसरे फेज में रोड़ी, बजरी और बालू को अलग कर लिया जाता है।

इसके बाद तीसरे स्तर के प्रोसेस में सिक्वेंसियल बैच रिएक्टर में 90 मिनट के चक्र में एयर ब्लोअर से एयरेशन किया जाता है, एयरेशन के प्रोसेस में सीवर के पानी में  उपस्थित बैक्टीरिया को जीवित रखा जाता है ताकि वह स्लज को डीग्रेड कर सकें। एयरेशन करने के बाद 60 मिनट सीवर के पानी  को स्थिर छोड़ा जाता है जिससे कि स्लज तलहटी में रह जाए और इस चक्र के 30 मिनट बाद पानी को क्लोरीनेशन चैंबर में डाला जाता है जिससे पानी में उपस्थित पैरासाइट, बैक्टीरिया और वाइरस मृत हो जाते हैं।

इस प्रोसेस के पूरे होने के बाद पानी को गौला नदी में छोड़ा जा रहा है। इसके अलावा एसटीपी में एक सेंट्रीफ्यूगल यूनिट का निर्माण भी किया गया है जिसमें बचे हुए स्लज को प्रोसेस करके खाद में परिवर्तित  किया जा सकता है। अभी इस यूनिट में काम शुरू नहीं किया गया है। मार्च माह में इसके शुरू होने की संभावना है। इसके शुरू होने के बाद स्लज को खाद के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।


एसटीपी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अभय पोद्दार से बात करने पर उन्होंने बताया कि एसटीपी सही तरीके से काम कर रहा है और 24 घंटों शिफ्टवाइज काम किया जा रहा है लेकिन अपनी समस्या बताते हुए उन्होंने कहा कि नगर निगम के  सीवर टैंक सीवर लाकर यहां छोड़ देते हैं जिसको ट्रीट करना हमारे एसटीपी का काम नहीं है। इसके लिए कई बार पेयजल निगम को शिकायत भी की गई है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।