अयोध्या: रुदौली, मवई में सर्वाधिक क्षतिग्रस्त हुई गेहूं, सरसों व मसूर की फसलें

बारिश व ओलावृष्टि के बाद कृषि विभाग की ओर से कराए गए सर्वे रिपोर्ट में हुआ खुलासा

अयोध्या: रुदौली, मवई में सर्वाधिक क्षतिग्रस्त हुई गेहूं, सरसों व मसूर की फसलें

अमृत विचार, अयोध्या। आफत बन आई बेमौसम बरसात ने अन्नदाताओं की कमर तोड़ दी है। दो दिनों तक जनपद में हुई बारिश व ओलावृष्टि से सर्वाधिक नुकसान गेंहू व सरसों की फसलों को हुआ है, मसूर की फसल भी कम प्रभावित नहीं हुई है। बारिश व ओलावृष्टि के कारण जनपद में गेंहू की सबसे अधिक 2479 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है, राई/सरसों की 304 हेक्टेयर फसल को क्षति पहुंची है जबकि मसूर की केवल 9 हेक्टेयर फसल को ही नुकसान पहुंचा है। जिले के 11 विकासखंडों में सबसे अधिक नुकसान रुदौली, मवई के किसानों को हुआ है जबकि पूराबाजार विकासखंड के किसानों को कम पहुंचा है। 
      
बारिश व ओलावृष्टि के बाद जनपद में कृषि विभाग की ओर से कराए गए सर्वे रिपोर्ट के अनुसार जिले में गेहूं की 2479 हेक्टेयर फसलों को क्षति पहुंची है, जिसमें अकेले रुदौली विकासखंड में 1366 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई जबकि मवई में 713.1 व मयाबाजार में 215.4 हेक्टेयर फसल को क्षतिग्रस्त हुई वहीं सबसे कम नुकसान पूराबाजार में 185.1 हेक्टेयर फसल का हुआ है। इसके अलावा राई /सरसों की 304 हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है। यहां भी सबसे अधिक नुकसान रुदौली विकासखंड के किसानों को ही हुआ है। अकेले रुदौली में ही 49.9 हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है जबकि दूसरे नंबर पर तारुन विकासखंड में 37.28 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है वहीं सबसे कम नुकसान अमानीगंज विकासखंड में 11.46 हेक्टेयर फसल का हुआ है। इसके अलावा मसूर की 2399 हेक्टेयर में से केवल 9 हेक्टेयर फसल को ही क्षति पहुंची है। हालांकि कृषि विभाग की ओर से जारी की गई सर्वे रिपोर्ट में चना व मटर की फसलों को क्षति न पहुंचने का दावा किया गया है। कृषि विभाग का यह दावा मटर व चना की खेती करने वाले किसानों के राहत पहुंचाने वाला है। 

सर्वाधिक हुई गेहूं की खेती व सबसे कम रही चना की खेती
कृषि विभाग की ओर से बेमौसम बारिश के कारण प्रभावित हुई रबी की फसलों के नुकसान का आकलन को लेकर सभी ब्लाकों के सहायक कृषि विकास अधिकारी को सर्वे कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। कृषि विभाग के एडीओ एग्रीकल्चर की ओर से सभी 11 विकासखंडों में कराए सर्वे के अनुसार जनपद में गेहूं, राई/सरसों व मसूर की कुल 1,17,053 हेक्टेयर की खेती में से 2792 हेक्टेयर फसलों के प्रभावित होने की संभावना जताई गई है। जबकि 1630 हेक्टेयर में चना व कुल 2923 हेक्टेयर में बोई गई मटर की फसल को नुकसान न पहुंचने का दावा भी किया गया है। जिला कृषि अधिकारी ने बताया बताया कि जनपद में 110613 हेक्टेयर में सर्वाधिक खेती गेहूं की हुई वहीं राई/सरसों की 4041 हेक्टेयर, मटर की 2923 हेक्टेयर व  मसूर की 2399 हेक्टेयर जबकि 1630 हेक्टेयर में सबसे कम चने की खेती हुई।  

मंगलवार की बारिश से चिंता की लकीरें 
सोहावल प्रतिनिधि के अनुसार बुधवार की शाम चली तेज हवाओं के साथ हुई झमाझम बरसात और ओलों ने गेंहू, सरसों, चना, मटर व अरहर के साथ सब्जी की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। आम के बागानों में बौर से लदे पेड़ों की फलत अब आधी होने की बात कही जा रही है। प्रगतिशील किसान राम सिंह, राम गणेश, संजय चौबे ने बताया अब तक सोहावल बचा हुआ था, लेकिन मंगलवार को हुई बारिश ने किसानों की रीढ़ तोड़ दी है।

कोट- 
जिन जगहों पर तेज बारिश के कारण फसलें खेतों में लेट गर्इं हैं, उन्ही फसलों को नुकसान पहुंचा है और जहां बारिश कम हुई हैं वहां फसलों को नुकसान नहीं पहुंचा है। फसल बीमा योजना के तहत जनपद के जिन किसानों ने फसल का बीमा कराया है, वह किसान फसल नुकसान की जानकारी तत्काल बीमा कंपनी को देंगे। जिसके बाद बीमा कंपनी सर्वे करेगी और उसी सर्वे के आधार पर नुकसान का आकलन कर फसलों के नुकसान की क्षतिपूर्ति देगी। 
- ओपी मिश्र, जिला कृषि अधिकारी, अयोध्या।

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