काशीपुर: सूचना का अधिकार - उत्तराखंड की जेलों में हैं 2145 सजायाफ्ता और 4773 विचाराधीन कैदी

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Published By Bhupesh Kanaujia
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काशीपुर, अमृत विचार। उत्तराखंड की सामान्य जेलों में 3441 क्षमता के दुगने से अधिक 6884 कैदी बंद है। इसमें 2111 सिद्ध दोष (सजायाफ्ता) बंदी और 4773 विचाराधीन कैदी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त सम्पूर्णानन्द शिविर सितारगंज (खुली जेल) में 34 सजायाफ्ता कैदी बंद हैं।

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने महानिरीक्षक कारागार (कारागार मुख्यालय) उत्तराखंड से उत्तराखंड राज्य की जेलों में बंदियों की क्षमता तथा वर्तमान में बंद कैदियों की संख्या के संबंध में सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार सम्पूर्णानन्द शिविर जेल सितारगंज (खुली जेल) के अतिरिक्त सभी जेलों में क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं।

क्षमता से सर्वाधिक अधिक अल्मोड़ा जेल में हैं यहां 102 कैदियों की क्षमता वाली जेल में 371 कैदी है। इसमें 273 विचाराधीन और 98 सजायाफ्ता कैदी बंद हैं। दूसरे स्थान पर 535 क्षमता वाले उप कारागार हल्द्वानी में 1792 कैदी हैं। इसमें 1610 विचाराधीन व 182 सजायाफ्ता कैदी हैं। तीसरे स्थान पर जिला कारागार नैनीताल है यहां 71 क्षमता वाली में जेल में 203 कैदी बंद है। इसमें 189 विचाराधीन 14 सजायाफ्ता कैदी हैं।

इसके बाद 580 क्षमता वाले जिला कारागार देहरादून में 1463 कैदी, 244 क्षमता वाली रुड़की जेल में 588 कैदी, 150 क्षमता वाले जिला कारागार टिहरी में 236 कैदी, 888 क्षमता वाले जिला कारागार हरिद्वार में 1291 कैदी, 150 क्षमता वाले जिला कारागार पौड़ी में 189 कैदी, 552 क्षमता वाली केन्द्रीय कारागार सितारगंज में 611 कैदी बंद हैं। सूचना के अनुसार प्रदेश में केवल दो जेले ही ऐसी है जिसमें निर्धारित स्वीकृत क्षमता से कम कैदी बंद है।

इसमें एक विशेष जेल सम्पूर्णानन्द शिविर (खुली जेल) सितारगंज है जिसमें केवल सजायाफ्ता कैदियों को ही रखा गया है। इसकी क्षमता 300 कैदियों की है जबकि इसकी क्षमता के मात्र 11 प्रतिशत 34 सजायाफ्ता कैदी ही इसमें बंद हैं। इसके अतिरिक्त सामान्य जेलों में स्वीकृत क्षमता से कम कैदियों वाली एकमात्र जेल जिला कारागार चमोली है। इसमें उसकी क्षमता 169 की अपेक्षा 83 प्रतिशत 140 कैदी ही बंद हैं इसमें 85 विचाराधीन तथा 55 सजायाफ्ता कैदी शामिल है।

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