मुरादाबाद : बरसात से पहले जलभराव की समस्या दूर करा दो सरकार

10 साल से शाहपुर तिगरी में नहीं हुआ सड़कों का निर्माण, टूटी नालियों की वजह से वार्ड में जगह-जगह होता है जलभराव, कूड़े के भी ढेर लगे

मुरादाबाद : बरसात से पहले जलभराव की समस्या दूर करा दो सरकार

मुरादाबाद/(खुशंवत चौधरी, छायाकार राजेश राजा), अमृत विचार। शहर की सरकार बनने के बाद महानगरवासियों को समस्याओं के निदान की उम्मीद जगी है। नाला जाम, नियमित सफाई नहीं होने, पार्कों की बदहाली को लेकर लोगों में गुस्सा भी है। क्योंकि चुनाव में विलंब और नए सिरे से वार्डों के आरक्षण के बाद मुहल्लों में सुविधाओं को बट्टा गया गया था। इस हाल के सुधार में कितना समय लगेगा यह तो भविष्य के गर्भ में है? लेकिन, दैनिक समाचार पत्र अमृत विचार ने नागरिकों की अपेक्षा वाले महानगर के लिए अपनी पहल शुरू कर दी है। मुहल्लों के हाल और नागरिकों की नव निर्वाचित पार्षदों से उम्मीद के मुद्दे पर हमने बातचीत शुरू की है। इसके लिए हमने सुनिए पार्षद जी शीर्षक से समाचारीय अभियान शुरू किया है। अभियान की पहली कड़ी वार्ड नंबर एक (शाहपुर तिगरी) की ग्राउंड रिपोर्ट प्रस्तुत है। 

शपथ ग्रहण के साथ ही स्मार्ट सिटी की सरकार अस्तित्व में आ गई। महापौर से लेकर पार्षदों ने जो जनता से विकास के वादे के किए थे अब उन्हें पूरा करने का वक्त आ गया है। वार्ड-1 शाहपुर तिगरी के लोगों को भी नवनिर्वाचित पार्षद से बड़ी उम्मीदें हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि बरसात से पहले कम से कम जलभराव की समस्या से निजात मिल जाए। 10 साल से सड़कों का भी यहां निर्माण नहीं हुआ है।  

शाहपुर तिगरी में 10,315 मतदाता हैं। यहां की नवनिर्वाचित पार्षद बसपा से फूलवती हैं। इनसे पहले यहां की पार्षद प्रियंका थी। जिन्होंने चुनाव तो बसपा से जीता था। लेकिन, बाद में वह भाजपा में शामिल हो गईं। यहां अधिकांश परिवार मजदूरी, रेहड़ी, ठेला आदि लगाने का काम करते हैं। शाहपुर तिगरी कहने को तो स्मार्ट सिटी में शामिल है। मगर यहां की स्थिति गांवों से भी बदतर है।

सड़कें बदहाल हैं और नालियां भी टूटी हुई हैं। नाला न बनने से पानी की निकासी की समस्या लंबे समय से बनी है। जिस वजह से सड़कों पर, खाली पड़े भूखंडों में जलभराव रहता है। जिससे चारों तरफ गंदगी में बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है। पार्कों की स्थिति भी बदहाल है। यहां पिछले 10 साल में एक भी नई सड़क का निर्माण नहीं हुआ है। क्षेत्रवासियों ने नवनिर्वाचित पार्षद से पानी की निकासी की समस्या का निवारण कराने की गुहार लगाई है।

चुनाव की लेटलतीफी से हुआ नुकसान 
नगर निगम चुनाव नवंबर में होने थे। लेकिन, आरक्षण का पेच फंसने से चुनावों में देरी हो गई। नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों में वार्डों के भंग होने के बाद नागरिक सुविधाओं का अनुश्रवण धीमा हो गया था। जिस वजह से वार्डों में न तो समय पर सफाई हो रही थी और न ही कोई अन्य विकास कार्य। इससे लोगों को कई महीने गंदगी में रहना पड़ा। 

वार्ड में पानी निकासी की सबसे बड़ी समस्या है। इन दिनों में तो फिर भी ठीक है। लेकिन, बरसात का मौसम आते ही यहां हालात बहुत ज्यादा खराब हो जाते हैं। लोगों का घर से बाहर निकलना दूभर हो जाता है। 
-सतीश

पूरे गांव में एक भी नाला नहीं है। जिस वजह से पानी की निकासी नहीं होती। आसपास के खेतों में घरों का पानी जाता है। खाली भूखंडों में जलभराव होता है। जिससे बच्चों में बीमारी का खतरा बना रहता है। -सुंदर 

क्षेत्रवासी हर बार भरोसा करके अपना पार्षद चुनते हैं। लेकिन, हर बार गांव वालों को निराशा हाथ लगती है। इस बार बड़ी उम्मीदों से फूलवती को चुना है। इनसे क्षेत्रवासियों को काफी उम्मीदें हैं।  देखते है यह इस बार हमारी परेशानियों को दूर करेंगी या हर बार की तरह निराशा हाथ लगेगी। -महेंद्र सिंह

नवनिर्वाचित पार्षद से हमें बहुत उम्मीदें हैं। वह यहां के हालात में सुधार करेंगे। उन्होंने चुनाव के समय जो वादे किए थे, उनको निभाने के लिए उनके पास पूरे पांच साल हैं। उम्मीद है वह सभी वादों को समय से पूरा करेंगी। -वीर सिंह

कहने को तो यह स्मार्ट सिटी का हिस्सा है। लेकिन, हालात आज भी गांव जैसे ही है। यहां मुश्किल से एक या दो पार्क है। जिनकी हालत ऐसी है। यहां जाकर बैठना तो दूर, इनके पास से गुजरों तो गंदगी की बदबू आती है। 
-नन्हे

यहां कई गलियाें में सड़क निर्माण नहीं हुआ और न ही यहां बिजली के खंभों पर प्रकाश की व्यवस्था है। रात होते ही गलियों में अंधेरा छा जाता है। यही नहीं सड़कों पर आए दिन जलभराव हो जाता है। जिससे आवाजाही में खासकर बच्चों को परेशानी होती है। -संजीव

यहां सड़कों का हाल किसी छुपा नहीं है। पूर्व के पार्षदों ने विकास के लिए काम नहीं किया। 10 साल से नई सड़कों का निर्माण नहीं हुआ है। जिस वजह से अधिकांश सड़कें जर्जर हैं। कई गलियों में सड़कें तक नही हैं।-सीताराम

बारिश के दिनों में बहुत ज्यादा समस्या होती है। घरों में पानी घुस जाता है। घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। खासकर बच्चों को स्कूल जाते समय काफी परेशानी होती है। उम्मीद है इस बार इन परेशानियों से निजात मिलेगी। -देशराज

सबसे पहले पानी की निकासी के प्रबंधन पर काम करना है। यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है। जिस वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पूर्व पार्षद ने काम नहीं किया है। जिस वजह से वार्ड शहर से पांच साल पिछड़ गया है। लेकिन, हम वार्ड को नई पहचान दिलाएंगे। सड़कों व नालियों का निर्माण भी कराया जाएगा।-फूलवती, पार्षद

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