पहलवानों का प्रदर्शन : तृणमूल कांग्रेस सांसदों ने किया संसदीय समिति की बैठक से बहिर्गमन

पहलवानों का प्रदर्शन : तृणमूल कांग्रेस सांसदों ने किया संसदीय समिति की बैठक से बहिर्गमन

नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस सांसदों ने बृहस्पतिवार को एक संसदीय समिति की बैठक में विभिन्न खेल महासंघों में महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा संबंधी प्रावधानों पर चर्चा की मांग समिति के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद विवेक ठाकुर द्वारा खारिज किए जाने के बाद इससे बहिर्गमन किया।

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यह जानकारी समिति की सदस्य और तृणमूल कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने दी। ठाकुर ने तृणमूल सदस्यों की मांग को खारिज करते हुए कहा कि यह मुद्दा बैठक का हिस्सा नहीं है और वैसे भी विषय न्यायालय में विचाराधीन है और समिति इस पर चर्चा नहीं कर सकती।

सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस सदस्य सुष्मिता देव और असित कुमार मल ने शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल मामलों की स्थायी समिति की बैठक में महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया और पूछा कि क्या विभिन्न खेल संघों में आंतरिक शिकायत समितियों का गठन किया गया है और अगर किया गया है तो क्या वे सक्रिय हैं।

देव ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं इस मुद्दे को उठा रही हैं तो महिला और बाल मामलों की स्थायी समिति की सदस्य होने के नाते मैं बैठक से बहिर्गमन के लिए बाध्य महसूस कर रही हूं क्योंकि खेल एवं युवा मामलों का मंत्रालय उचित कदम उठाने में असफल रहा है।

मैं बैठक में मूकदर्शक नहीं रह सकती क्योंकि स्थायी समिति सार्वजनिक नीति के मामले में ‘वॉच डॉग’ (पहरेदार) है न कि सरकार का ‘पेट डॉग’ (पालतू)।’’ सूत्रों के मुताबिक देव ने कहा कि संसदीय समितियों को मुद्दों और नीतियों की समीक्षा करनी चाहिए क्योंकि सरकार इन महासंघों का वित्तपोषण करती है और उन्हें आईसीसी के गठन जैसी नीतियों पर प्रश्न करने में सक्षम होना चाहिए।

सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह, भाजपा के तीन अन्य सांसद और अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के एम थम्बीदुरै बैठक में मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि इस बैठक में खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी, भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक संदीप प्रधान, टॉप्स के सीईओ कमांडर (सेवानिवृत्त) पी के गर्ग और राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय के कुलपति आरसी मिश्रा आदि ने भी हिस्सा लिया।

सूत्रों ने बताया कि खेल सचिव ने देव को सूचित किया कि सरकार की खेल संघों के कामकाज में कोई भूमिका नहीं है और शासन द्वारा किसी तरह का हस्तक्षेप वैश्विक स्तर पर खेलों के प्रशासन की भावना के विपरीत होगा। सूत्रों के मुताबिक देव के सवाल पर ठाकुर ने कहा, ‘‘यह मुद्दा बैठक का हिस्सा नहीं है और वैसे भी विषय न्यायालय में विचाराधीन है और समिति इस पर चर्चा नहीं कर सकती।

यह स्पष्ट किया जाता है कि यह बैठक अगले ओलंपिक के लिए भारत की तैयारियों को लेकर है।’’ सूत्रों ने बताया कि इस पर देव और मल दोनों ने बैठक से बहिर्गमन किया जबकि कांग्रेस सदस्य सिंह ने देव का समर्थन किया। हालांकि, उन्होंने बहिर्गमन नहीं किया।

गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों पर नौ मई को ठाकुर को पत्र लिखा था और कहा था कि समिति को खेल संघों और निकायों पर लागू कानूनों के क्रियान्वयन की समीक्षा करनी चाहिए और इस विषय पर खेल मंत्रालय की भूमिका पर विचार करना चाहिए। देव ने यह भी अनुरोध किया था कि समिति की बैठक इस खास एजेंडे पर आहूत की जाए जिसके जरिये इस मुद्दे की समीक्षा सुनिश्चित हो सके। 

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