राष्ट्रीय डेंगू दिवस: इस साल बढ़ेगा डेंगू का प्रकोप, 39 मरीजों के सामने आने से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, शुरू की गई बचाव की कवायद

42 डिग्री तापमान में भी पनप रहे डेंगू के मच्छर, इस साल बढ़ेगा प्रकोप

राष्ट्रीय डेंगू दिवस: इस साल बढ़ेगा डेंगू का प्रकोप, 39 मरीजों के सामने आने से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट,  शुरू की गई बचाव की कवायद

लखनऊ, अमृत विचार। पारे के 35 डिग्री सेल्सियस के ऊपर जाते ही खुद मर जाने वाले डेंगू के मच्छर 42 डिग्री से अधिक तापमान में पनप रहे हैं। ऐसे हालात में स्वास्थ्य विभाग इस साल डेंगू का प्रकोप बढ़ने की आशंका जता रहा है। मुख्य चिकित्साधिकारी के मुताबिक इस साल जनवरी से अब तक डेंगू के 39 मरीज सामने आ चुके हैं। सरकारी और निजी क्षेत्र के अस्पतालों को अलर्ट किया जा चुका है। एंटीजन और एलाइजा जांच के लिए लैबों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक डेंगू मरीजों की संख्या साल दर साल बढ़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से हर साल तापमान में बढ़ोत्तरी हो रही है। मौसम के हिसाब से डेंगू मच्छरों में जैविक परिवर्तन हो रहे हैं। यही वजह है कि वे बदलते पर्यावरण के खुद को ढालने की क्षमता उनमें बढ़ रही है।चार पहले तक डेंगू को दिसंबर से मार्च तक रहता था। जबकि इस साल मई में भी डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल इसका प्रकोप बढ़ सकता है।

जानलेवा है बीमारी, सावधानी ही बचाव

नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विजय कुमार ने बताया कि हर उम्र के लोगों में होने वाली यह बीमारी जानलेवा होती है। डेंगू संक्रमित मरीज का प्लेटलेट्स काउंट इतना कम हो जाता है कि मौत तक होने की संभावना रहती है। इलाज के साथ सावधानियां बरतने से डेंगू से बचा जा सकता है। उनका कहना है कि लक्षण पता चलते ही डॉक्टर से संपर्क करके तत्काल जांच करानी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग भी इसके लिए लगातार जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है।

कोविड के बाद घटी रोग प्रतिरोधक क्षमता

नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कोविड के बाद लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटी है। लिहाजा डेंगू और अधिक आक्रामक हो सकता है। लोगों को जागरूक होने की जरूरी है। नगर निगम के सहयोग से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

लार्वा चट करेंगी गंबूसिया मछलियां

सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया गंबूसिया मछली मच्छरों के लार्वा को चट कर जाती हैं। गंबूसिया मछली अंडे नहीं देती, बल्कि बच्चे देती है। उनके बच्चे कम दिनों मे लार्वा खाने के लिए तैयार हो जाते हैं। ये 80-120 बच्चे देती हैं और 24 घंटे में अपने भार का 40 गुना लार्वा खा जाती हैं। सीएमओ ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के तालाबों में मछलियों को डलवाया जा रहा है। शहर में भी कई जगहों को चिन्हित करके मछलियां डाली जा रहीं हैं।

यूडीएसपी पोर्टल पर दर्ज होगा ब्यौरा

सीएमओ ने बताया कि पिछले साल से संक्रामक रोगों का ब्योरा यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल (यूडीएसपी) पर दर्ज किया जा रहा है। इसमें सरकारी और निजी अस्पतालों से डाटा लेकर अपलोड किया जाता है। जिससे समस्त संभावित मरीजों को समय के अनुरूप चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।

बढ़ाई गई लैब की संख्या

सीएमओ प्रवक्ता योगेश रघुवंशी ने बताया कि अभी तक सरकारी चार लैब से एलाइजा जांच हो रही थी। अब दो लैब और बढ़ गईं हैं। इसके अलावा 16 निजी क्षेत्र की लैब को भी जोड़ा गया है। अब कुल 22 लैब से जांच कराई जा रही है।

एंटी लार्वा की दवा बदलने पर विचार

स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने बताया कि एंटी लार्वा छिड़काव के लिए करीब 10 साल से एक ही दवा का इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में अब मच्छर इस दवा के आदि हो चुके हैं। लिहाजा दवा बदलने पर भी विचार किया जा रहा है। कुछ जिलों में दवाएं बदली जा चुकी हैं। वहां से फीडबैक मांगा गया है। सहमति मिलने पर दवा बदल दी जाएगी।

एमएलओ से डेंगू का खात्मा करने की कवायद

स्वास्थ्य विभाग नगर निगम के सहयोग से मच्छरों को मारने के लिए मॉस्किटो लार्विसाइडल ऑयल (एमएलओ) कीटनाशक का छिड़काव कराएगा। इस कीटनाशक का छिड़काव बीते साल से शुरू किया गया है। इससे लार्वा पूरी तरह से पानी के अंदर ही नष्ट हो जाएगा। और मच्छरों की ब्रीडिंग और डेंगू पर रोक लगाई जा सकेगी।

ऐसे काम करेगा एमएलओ

कीटनाशक ऑयल एमएलओ का पानी पर स्प्रे करते ही उसके ऊपर एक पतली परत बन जाएगी। यह परत करीब 10 दिन तक पानी के ऊपर बनी रहेगी। परत बनाने के बाद ऑक्सीजन मिलना बंद हो जाएगी। जिससे पानी के अंदर पनप रहे प्यूमा एग और लार्वा अंदर ही नष्ट हो जाएंगे।

क्या बोले सीएमओ

डेंगू से बचाव को लेकर तैयारी चल रही है। एमएलओ के छिड़काव से डेंगू पर काफी हद तक अंकुश लग जाएगा। मच्छर जनित अन्य बीमारियों में भी काबू पाया जा सकेगा। यह उन इलाकों के लिए अधिक कारगर साबित होगा जहां जलजमाव की स्थिति बनी रहती है.., डॉ. मनोज अग्रवाल, सीएमओ

28 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर फॉगिंग नहीं कराने का नियम है। इससे अधिक तापमान पर फॉगिंग कराई जाती है। इससे ज्यादा तापमान होने पर मच्छर खुद मर जाते हैं। इसलिए फॉगिंग रोक दी जाती है। अत्यधिक गर्मी में फॉगिंग कराने से लोगों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है..डॉ विजय कुमार।

नगर स्वास्थ्य अधिकारी, लखनऊ नगर निगम

साल दर साल ऐसे बढ रहा डेंगू
वर्ष                        मरीज
2021                  1978 
2022                  2648 
2023                  2749 

डेंगू के लक्षण

1- अचानक तेज बुखार आना।
2- तेज सिरदर्द।
3- जोड़ों और मांसपेशियों में तेज दर्द।
4- आंखों के पीछे दर्द।
5- जी मिचलाना।
7-उल्टी करना।
8-खुजली ।
9-थकान।

 डेंगू बुखार से बचाव के उपाय

1- घर के आसपास पानी न ठहरने दें।
2- मच्छर रुके हुए पानी में पनपते हैं।
3-मच्छर निरोधक से बचाव करें।
4- फुल अस्तीन की शर्ट पहने, पैरों को भी पूरा ढक कर निकले।
5-मच्छरदानी का प्रयोग करें।

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