ब्लू जर्सी-खाकी वर्दी दोनो का सम्मान एक समान... UP पुलिस पॉडकास्ट ‘बीऑन्ड द बैच’ में दीप्ति शर्मा ने साझा किए अनुभव

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
On

ICC विमेंस वर्ल्ड कप जीत बालिकाओं के लिए अत्यंत प्रेरक

लखनऊ, अमृत विचार: ब्लू जर्सी-खाकी वर्दी दोनों की अपनी अलग सम्मान और गरिमा है। एक खिलाड़ी के रुप में अनुशासन, समर्पण और नियमों का पालन आवश्यक है। उसी तरह पुलिस अधिकारी के रुप में कर्तव्यनिष्ठा और नियमों का पालन सर्वोपरि है। यह बातें पुलिस सेवा और खेल के बीच संतुलन पर चर्चा करते हुए आईसीसी विमेंस वर्ल्डकप विजेता व डिप्टी एसपी दीप्ति शर्मा ने कहा।

वह उत्तर प्रदेश पुलिस के पॉडकास्ट ‘बीऑन्ड द बैच’ में अपना अनुभव साझा कर रही थी। कार्यक्रम के 17वें एपिसोड की होस्ट कमाडेंट 32वीं वाहिनी पीएसी आईपीएस प्राची सिंह के साथ अपने अनुभव साझा कर रही थीं। उन्होंने विश्वास जताया कि एक खिलाड़ी के रूप में अर्जित अनुशासन और फिटनेस, पुलिस प्रशिक्षण और सेवा में भी सहायक सिद्ध होंगे। इस दौरान दीप्ति शर्मा ने अपने खेल जीवन, संघर्ष, उपलब्धियों एवं पुलिस सेवा से जुड़ने के अनुभवों को विस्तार से साझा किया। दीप्ति ने बताया कि 2014 में भारतीय टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय डेब्यू आयरलैंड के खिलाफ किया। इस मैच में उन्होंने 188 रन की ऐतिहासिक पारी का प्रदर्शन किया। आईसीसी विमेंस वर्ल्ड कप में जीत को जीवन का सबसे यादगार और प्रेरणादायक क्षण बताया।

प्रदेश में कुशल खिलाड़ियों के लिए कई योजना

दीप्ति शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार की कुशल खिलाड़ी योजना काफी सराहनीय है। मुख्यमंत्री द्वारा खिलाड़ियों को दिये जा रहे प्रोत्साहन, रोजगार व अन्य सुविधाएं खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करती हैं। उनमें आत्मविश्वास का संचार करती है। योजनाएं खिलाड़ियों को खेल के साथ भविष्य की सुरक्षा का भरोसा भी देती हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुशल खिलाड़ी योजना के तहत अभी तक कुल 534 खिलाड़ियों की नियुक्ति उत्तर प्रदेश पुलिस में की जा चुकी है।

निरंतर मेहनत, अनुशासन और समर्पण ही सफलता की कुंजी

दीप्ति ने कहा कि निरंतर मेहनत, अनुशासन और समर्पण ही सफलता की कुंजी है। युवा अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहें, कठिन परिश्रम करते रहें ओर कभी हिम्मत न हारें, सफलता अवश्य मिलेगी। दीप्ति ने आगरा में परिवार से लेकर क्रिकेट जगत तक पहुंचने के सफर, ट्रेनिंग का अनुभव, निजी रूटीन, भविष्य की योजनाओं के संबंध में भी विस्तार से चर्चा की गई है। प्रधानमंत्री द्वारा कहे जाने कि ‘मैदान में आपकी दादागिरी चलती है’ के बारे में दीप्ति ने कहा कि यह दादागिरी नहीं, बल्कि खेल के प्रति उनका फोकस और समर्पण है। जिससे उनकी छवि सख्त दिखाई जाती है। जबकि मैदान के बाहर वह सहज, मिलनसार और सरल हैं। कहा कि व्यस्त खेल और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बावजूद परिवार के साथ समय बिताना उन्हें मानसिक सुकून देता है।

संबंधित समाचार