जिम्मेदारी से करें ट्रैफिक नियमों का पालन: यूपी में लापरवाह चालकों को पांच से ज्यादा बार ट्रैफिक नियम तोड़ने पर होगी Insurance Premium वृद्धि  

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने व लापरवाही पूर्वक गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ सरकार कड़े कदम उठाने जा रही है। इस दिशा में परिवहन विभाग ने सरकार को प्रस्ताव दिए हैं कि पांच से अधिक चालान वाले वाहन धारक के बीमा प्रीमियम में वृद्धि की जाए, ताकि लोग ट्रैफिक नियमों का पालन अधिक जिम्मेदारी से करें। वहीं बीमा कंपनियों ने योजना पर सैद्धांतिक सहमति व्यक्त कर दी है। बीमा दावों का सेटलमेंट भी डिजिटल और तेज होगा, जिससे हादसे में घायल व्यक्तियों को तत्काल मुआवजा व उपचार सहायता मिल सकेगी। 

उत्तर प्रदेश सरकार सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाने और दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से ई-चालान व्यवस्था को अत्याधुनिक तकनीक से जोड़ने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। परिवहन विभाग ने एनआईसी के सहयोग से पहले चरण में प्रदेश के 17 जिलों में ट्रैफिक पुलिस एवं परिवहन विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले चालानों को ई-चालान पोर्टल पर एकीकृत किया गया है। शेष जिलों में भी यह प्रक्रिया शीघ्र लागू की जाएगी।

प्रदेश सरकार की इस पहल का मुख्य उद्देश्य दुर्घटनाओं की पहचान, नियंत्रण और प्रवर्तन प्रक्रिया को डिजिटल और सुचारु बनाना है। वाहन और चालक संबंधी सभी जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होने से ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित करने में आसानी होगी तथा बार-बार उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा सकेगी। साथ ही इस व्यवस्था से चालानों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग संभव होगी तथा लंबित चालानों के निस्तारण में तेजी आएगी। इसके अलावा बिना बीमा और अवैध रूप से चलने वाले वाहनों पर कड़ी कार्रवाई करना आसान हो जाएगा। 

परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, सरकार वाहन और सारथी एप, ई-डार, आईआरएडी और ई-चालान पोर्टलों को एक एआई आधारित प्लेटफॉर्म पर जोड़ने का कार्य कर रही है। इस प्रणाली से दुर्घटना डेटा संग्रह और विश्लेषण रीयल-टाइम में होगा। ब्लैक स्पॉट्स की पहचान और सुधार कार्य तेजी से हो सकेगा। साथ ही ट्रैफिक प्रबंधन में तकनीकी दक्षता बढ़ेगी। 

इसके अलावा एक ऑनलाइन एक्सीडेंट डैशबोर्ड भी विकसित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से सभी जनपदों से प्राप्त आंकड़ों का अध्ययन कर सुधारात्मक कदम उठाए जा सकेंगे। अधिकारियों का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस और प्रवर्तन टीमों को अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे उल्लंघनकर्ताओं पर तुरंत चालान जारी करने में सुविधा होगी। सरकार का मानना है कि इन प्रयासों से उत्तर प्रदेश में सड़क सुरक्षा के मानक और बेहतर होंगे तथा प्रदेश देश के अग्रणी रोड सेफ्टी राज्यों की श्रेणी में शामिल होगा।

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सोर्स : वार्ता

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