नमी ने बिगाड़ी सरकारी दवाओं की हालत: रैपर खोलते ही चूरा हो रहीं गोलियां, कई बार शिकायत के बावजूद नहीं हो रहा सुधार
लखनऊ, अमृत विचार : सरकारी अस्पतालों में मेडिकल कॉरपोरेशन से भेजी गई दवाओं की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। मरीजों की शिकायत है कि दवाओं में नमी लगने से उनका रैपर खोलते ही गोलियां चूरा की तरह बिखर रही हैं। कई मरीज ऐसी दवाएं लेने से मना कर रहे हैं और दवा काउंटरों पर लगातार शिकायतें दर्ज करा रहे हैं।
अस्पतालों में हाल ही में मेडिकल कॉरपोरेशन से भेजी गई हाइपरटेंशन की दवा (बैच नंबर डीटीएफ 211), 10 एमजी की दवा (बैच टीए 25370) और मधुमेह की 40 एमजी दवा (बैच 1205) में नमी पाए जाने की शिकायतें बढ़ रही हैं। मरीजों का कहना है कि दवाओं को सही तापमान में न रखने से उनका प्रभाव कम हो गया है और गुणवत्ता संदिग्ध दिख रही है।
इस मामले में अस्पताल प्रभारियों का कहना है कि नमी लगी दवाओं को गुणवत्ता जांच के बाद वापस वेयरहाउस भेजा जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि मरीजों को सही और सुरक्षित दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
पहले भी आ चुकी शिकायतें
दवाओं में नमी की शिकायत का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी कई प्रकार की दवाओं में नमी की शिकायत हो चुकी है। बीते दिनों ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय सहित कई अन्य सरकारी अस्पतालों से दस से अधिक प्रकार की दवाओं की वापसी करा जा चुकी है। एमडी, मेडिकल कॉरपोरेशन उज्जवल कुमार ने बताया कि दवाओं की जांच कराई जाएगी यदि नमी की शिकायत है तो वापस कराया जाएगा।
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सोर्स : कार्यालय संवाददाता
