Cough Syrup Smuggling: आलोक के घर लगे CCTV कैमरों की रिकार्डिंग डिलीट... जमीन खरीद से लेकर कोठी बनवाने तक की रकम का आंकलन करने में जुटी ईडी
फर्जी फर्म के लिए कहां से बनवाये दस्तावेज, कफ सिरप बेच कितने की हुई कमाई का हिसाब हो रहा तैयार
लखनऊ, अमृत विचार: फेंसेडिल कफ सिरप तस्करी गिरोह के सदस्य व बर्खास्त एसटीएफ सिपाही आलोक प्रताप सिंह के घर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने 36 घंटे तक रही। इस दौरान कई अहम दस्तावेज बरामद किये। वहीं, जांच में सामने आया कि आलोक के घर में लगे सीसीटीवी कैमरों की कई दिनों तक की रिकार्डिंग डिलीट की गई है। डिलीट किये गये रिकार्डिंग की रिकवरी के लिए ईडी फोरेंसिक टीम की मदद ले रही है। ताकि यह साफ हो सके कि किन कारणों से इसे डिलीट किया गया है। ईडी इस बात की भी जानकारी हासिल करने में जुटी है कि आलोक के घर में कितनी दवाएं रखी गई थीं। इसे कहां से मंगाया गया और कहां भेजा गया है।
फेंसेडिल कफ सिरप तस्करी गिरोह के टॉप थ्री में मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल, एसटीएफ का बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह और अमित सिंह टाटा है। तीनों करीबी दोस्त बताये जा रहे हैं। इन तीनों के अलावा गिरोह के अन्य सदस्यों के आवास पर ईडी की टीम ने शुक्रवार से लेकर शनिवार की देर शाम तक छापेमारी की। इस दौरान 454 फर्मों की जानकारी मिली। इनमें से ज्यादातर फर्म फर्जी दस्तावेज पर खोले गये थे। इससे करीब दो हजार करोड़ रुपये का कारोबार किया गया। ईडी की टीम को सुशांत गोल्फ सिटी के अहिमामऊ स्थित आलोक प्रताप सिंह के आवास से कई अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं। इसमें आलोक की फर्म के नाम से फेंसेडिल कफ सिरप की डिमांड व बिक्री के भी रिकार्ड शामिल है। वहीं, इसकी भी जानकारी मिली कि आलोक के घर में भी इसे रखा जाता था। कितने समय में करोड़ों रुपये की कमाई की गई। आलोक के फर्म में जिनको कर्मचारी बताया गया है। उनके बारे में कोई जानकारी दस्तावेज में नहीं है। जो नाम दर्ज है उनकी कुंडली खंगाली जा रही है।
