होली का इंतजार कर रहे थे प्रदीप-बिनोद और मोहित... गोवा की आग ने छीन लिए तीन जिगर के टुकड़े, घर में पसरा मातम

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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रांची। गोवा के एक नाइट क्लब में आग लगने की घटना में मारे गए 25 लोगों में शामिल झारखंड के तीन प्रवासी श्रमिकों के शव सोमवार सुबह रांची लाए गए। लापुंग के फतेहपुर गांव के दो भाई प्रदीप (24) एवं बिनोद महतो (20) और खूंटी जिले के कर्रा ब्लॉक में गोविंदपुर गांव के मोहित मुंडा (22) की रविवार आधी रात के बाद उत्तरी गोवा के एक क्लब में लगी आग में मौत हो गई थी। 

कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि तीनों श्रमिक उनके मंदार निर्वाचन क्षेत्र के थे। उन्होंने शवों को वापस लाने के लिए गोवा सरकार के साथ समन्वय किया था। तिर्की ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘शवों को विशेष एम्बुलेंस से उनके पैतृक गांव ले जाया गया। मैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मृतकों के परिवारों के लिए कुछ कल्याणकारी प्रावधान करने का अनुरोध करूंगी।’’ श्रम विभाग ने पीड़ितों के परिवारों को तत्काल सहायता के रूप में 50-50 हजार रुपये दिए हैं। 

शवों को हवाई अड्डे लाए जाने के दौरान वहां राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष की टीम प्रमुख शिखा लाकड़ा मौजूद रहीं। लाकड़ा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि श्रम विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि मृतकों के परिवार के दो सदस्यों को शाम को एक उड़ान से रांची वापस लाया जाए। वे अभी गोवा में फंसे हुए हैं। ये तीन लोग इस अग्निकांड में मारे गए नाइट क्लब के 14 कर्मचारियों में शामिल हैं। प्रदीप और बिनोद एक साल पहले गोवा गए थे और अपने परिवार की मदद के लिए हर महीने करीब 30,000 रुपये भेजा करते थे। 

उनके बड़े भाई फागु ने बताया, ‘‘दोनों अविवाहित थे। वे अगले साल हमारे साथ होली मनाने के लिए आने वाले थे।’’ मुख्यमंत्री सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने इस घटना में लोगों की मौत पर दुख जताते हुए इसे ‘‘अत्यधिक हृदय विदारक’’ बताया है। 

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