योजना से लाभ

योजना से लाभ

भारत में खाद्य सुरक्षा की चुनौतियां केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों के लिए सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक है। खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों से उत्पन्न समस्याओं से निपटने के लिए सरकार विभिन्न उपायों और योजनाओं को लागू कर रही है। बुधवार को केंद्र सरकार ने विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना को मंजूरी दी । इससे सहकारिता क्षेत्र में बड़ा बदलाव होगा।

साथ ही योजना से खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी। खाद्य सुरक्षा की चुनौती के चलते ही ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 में भारत को 121 देशों में 107 वां स्थान मिला। 2021 में भारत को 116 देशों में 101 वां स्थान मिला था। जबकि पड़ोसी देशों पाकिस्तान (99वें), नेपाल (81 वें) और बांग्लादेश  84वें स्थान पर थे।

खाद्य सुरक्षा का अर्थ है कि समाज के प्रत्येक सदस्य की अपनी आहार संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने और स्वस्थ, सक्रिय जीवन शैली का नेतृत्व करने के लिए पर्याप्त भोजन तक हमेशा पहुंच होनी चाहिए। यानि खाद्य सुरक्षा का अंतिम लक्ष्य यह सुनिश्चित करना होता है कि हर किसी के पास हमेशा आवश्यक भोजन की भौतिक और वित्तीय पहुंच हो। गौरतलब है कि भारत में अन्न के भंडारण की क्षमता, वार्षिक उत्पादन का केवल 47 प्रतिशत है। जबकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी बड़े अन्न उत्पादक देशों के पास अपने वार्षिक उत्पादन से अधिक की भंडारण क्षमता उपलब्ध है।  

छोटे किसानों की आर्थिक सामर्थ्य इतनी नहीं होती कि वे बाजार में अनुकूल भाव मिलने तक अपनी उपज को अपने पास रख सकें। देश में हमेशा से ही इस बात की आवश्यकता महसूस की जाती रही है कि कृषक समुदाय को भंडारण की वैज्ञानिक सुविधाएं प्रदान की जाए ताकि उपज की क्षति रोकी जा सके। इसी के चलते वर्ष 2001-2 में केंद्र की ओर से ग्रामीण भंडार योजना नाम का पूंजी निवेश सब्सिडी कार्यक्रम शुरू किया गया था। परंतु योजना का क्रियान्वयन कारगर ढंग से नहीं हो पाया। यदि ग्रामीण गोदामों का नेटवर्क ठीक से काम करता तो छोटे किसानों की भंडारण क्षमता बढ़ाई जा सकती थी।

अब सरकार ने सहकारिता के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़़ी अन्न भंडारण योजना के लिए एक अंतर-मंत्रालय समिति को मंजूरी प्रदान की है।  इससे किसानों को ऐसे समय मजबूरी में अपनी उपज बेचने से रोका जा सकता है जब बाजार में उसके दाम कम हों। साथ ही योजना से आयात पर निर्भरता कम होगी और गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। सरकार की इस योजना से सीधा लाभ किसानों और खेती से जुड़े लोगों को होगा।