प्रयागराज : हेड जेल वार्डन के खिलाफ पारित दंडात्मक किराया वसूली आदेश पर रोक

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हेड जेल वार्डन के खिलाफ पारित वसूली आदेश पर रोक लगाते हुए दंडात्मक किराए का 50% जमा करने की शर्त रखी है और इस संबंध में राज्य सरकार से 4 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है और इसके बाद याची को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की एकलपीठ ने मेरठ निवासी धर्मपाल सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

मामले के अनुसार याची को मेरठ से आगरा स्थानांतरित किया गया था और एक आज्ञाकारी सरकारी सेवक होने के नाते उसने इस स्थानांतरण के रूप में जारी निर्देशों का पालन किया तथा पोस्टिंग के स्थान पर कार्यभार ग्रहण कर लिया, लेकिन याची का बेटा मेरठ विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की परीक्षा दे रहा है। अतः याची ने किराया मुक्त सरकारी आवास को बेटे की परीक्षा खत्म होने तक बरकरार रखने का अनुरोध किया, लेकिन 15 दिसंबर 2022 को प्रस्तुत याची के आवेदन पर विचार किए बिना 22 अप्रैल 2023 को उस पर 1,24,800 का दंडात्मक किराया लगा दिया गया। सभी तथ्यों पर विचार करते हुए कोर्ट ने 22 अप्रैल को पारित आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी, लेकिन याची को निर्धारित दंडात्मक राशि का 50% संबंधित प्राधिकारी के समक्ष जमा करने का निर्देश दिया है।

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