बरेली: 46 महिलाओं को फर्जी विधवा पेंशन दिलाना ब्लॉक के एक बाबू का काम

दो दलालों, प्रधान और पंचायत सहायक के साथ किया फर्जीवाड़ा

बरेली: 46 महिलाओं को फर्जी विधवा पेंशन दिलाना ब्लॉक के एक बाबू का काम

बरेली, अमृत विचार। रामनगर ब्लॉक के गांव गोठा खंडुआ में 46 महिलाओं को पतियों के जीवित होने के बावजूद विधवा पेंशन दिए जाने की जांच पूरी हो गई है। एसडीएम ने बिंदुवार ढंग से जांच रिपोर्ट तैयार कर डीएम को सौंप दी है। दिलचस्प यह है कि जांच रिपोर्ट में रामनगर ब्लॉक का बाबू एकमात्र सरकारी कर्मचारी है जिसे इस फर्जीवाड़े के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। बाकी दोषियों में ग्राम प्रधान, पंचायत सहायक और दो दलालों के नाम हैं।

गोठा खंडुआ में जिन महिलाओं को अपात्र होने के बावजूद विधवा पेंशन दी जा रही थी, उनकी उम्र 25 से 30 साल थी। अमृत विचार में इसका खुलासा होने के बाद एसडीएम आंवला और जिला प्रोबेशन अधिकारी ने अलग-अलग जांच कर डीएम शिवाकांत द्विवेदी को रिपोर्ट दी थी, लेकिन डीएम ने एसडीएम आंवला गोविंद मौर्या को नए सिरे से सभी बिंदुओं पर जांच करने के आदेश दिए थे। 

डीएम के आदेश पर एसडीएम ने दोबारा जांच की और काफी दिन पहले ही उसे पूरा कर लेने की भी बात कही लेकिन डीएम काे रिपोर्ट अब भेजी गई है। इस रिपोर्ट में रामनगर ब्लॉक के बाबू के अलावा ग्राम प्रधान, पंचायत सहायक और दो दलाल गंगाराम और आसिफ का इस पूरे फर्जीवाड़े में हाथ बताया गया है। इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होगी, यह अब डीएम तय करेंगे।

जांच रिपोर्ट में जिक्र, कैसे बने फर्जी प्रमाणपत्र
सूत्रों के अनुसार एसडीएम की जांच रिपोर्ट में साफ किया गया है कि फर्जी विधवा पेंशन प्रकरण में किस व्यक्ति की क्या भूमिका रही है और अपात्र महिलाओं के फर्जी प्रमाणपत्र कैसे बनाए गए। बताया जा रहा है कि दलाल गंगाराम और आसिफ ने अपात्र महिलाओं के कागजात ब्लॉक में बाबू तक पहुंचाए थे।

गोठा खंडुआ में फर्जी विधवा पेंशन प्रकरण की जांच पूरी हो गई है। रिपोर्ट भी डीएम को भेज दी है। प्रधान, पंचायत सहायक, ब्लॉक के बाबू के साथ दो दलालों ने यह धांधली की थी। आगे की कार्रवाई डीएम के स्तर से होगी- गोविंद मौर्या, एसडीएम आंवला।

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