मुरादाबाद : ओपीडी में चिकित्सकों का इंतजार कर लौटे मरीज और परिवार के लोग

 बलगम जांच के लिए भटक रहे मरीज, पैथालॉजी में भीड़, स्वास्थ्यकर्मी रहे नदारद

मुरादाबाद : ओपीडी में चिकित्सकों का इंतजार कर लौटे मरीज और परिवार के लोग

विष्णुदत्त पांडेय, अमृत विचार। सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का दावा बेमतलब साबित हो रहा है। लगता है कि जिला अस्पताल के चिकित्सक ही सरकार की मंशा को पलीता लगाने में जुटे हैं। यह सच है कि चिकित्सक दो बजे तक ओपीडी में नहीं रुकते हैं। चार दिन पहले सीडीओ के निरीक्षण में चिकित्सकों की ड्यूटी सतर्कता की पोल खुल गयी थी। ओपीडी की सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की व्यवस्था है। निगरानी के लिए प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक के कक्ष में एलईडी में लगाई गई है लेकिन, चिकित्सकों की मनमानी सब पर भारी है। शुक्रवार को मजबूर होकर मरीज और उनके साथ आए कई परिवार के लोग बिना उपचार के घर लौटे।

शुक्रवार को बाल रोग विशेषज्ञ कक्ष में चिकित्सक नहीं मिले। जूनियर चिकित्सक ने बच्चों का उपचार किया। कई माताएं गोद में बच्चों को लेकर डाक्टर के आने का इंतजार कर रही थीं। लेकिन 1:30 बजे तक विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं आए। फिजिशियन कक्ष में मरीजों की कतार थी। यहां भी जूनियर चिकित्सक उपचार कर रहे थे। नियमानुसार यहां तीन वरिष्ठ चिकित्सकों की ड्यूटी रहती है। इजेक्शन कक्ष में प्रभारी गायब थे। उनकी कुर्सी पर दूसरा स्वास्थ्यकर्मी बैठा मिला। पूछने पर बताया कि प्रभारी नहीं हैं।

ईएनटी कक्ष में चिकित्सक की कुर्सी खाली मिली। अन्य स्टाफ मोबाइल में व्यस्त थे। चर्म रोग विभाग में चिकित्सक की कुर्सी खाली थी, वहां मौजूद मरीजों ने दो बजे तक इंतजार किया। उपचार कराने आईं सीमा, हैदर अली, निर्मला, शबनम ने बताया कि उनको खुजली जैसी समस्या है। चर्म रोग ओपीडी के बाहर इन लोगों ने दो बजे तक चिकित्सक का इंतजार किया। लेकिन, चिकित्सक नहीं आए। बाद में मरीज मायूस होकर घर लौट गए।

पैथालॉजी लैब दो बजे से पहले हो गई खाली
इमरजेंसी कक्ष में पैथालॉजी लैब संचालित है। दो बजे से पहले पैथालॉजिस्ट की कुर्सी खाली हो गई। लैब टेक्निशियन नदारद थे। पंजीयन करने वाला भी कोई नहीं था। उसकी भी कुर्सी खाली थी। मरीजों और तीमारदारों की भीड़ थी। इसके अलावा फिजियोथेरेपी विभाग के कक्ष में दो बजे से पहले ही ताला लगा दिया गया।

बलगम की जांच के लिए दो घंटे तक प्रतीक्षा
टीबी रोगी खोज अभियान चलाया जा रहा है। अस्पताल में बलगम की जांच के लिए काउंटर पर लैब टेक्निशियन की तैनाती की गयी है। बताया गयश कि लैब टेक्निशियन घंटों से गायब है। इस वजह से मरीजों को इंतजार करना पड़ता है। जांच कराने पहुंची रेखा, पुनीत, अहमद ने बताया कि डॉक्टर ने बलगम की जांच के लिए पर्ची पर लिख दिया लेकिन, यहां कोई नहीं है। कोई अन्य स्टाफ बता भी नही रहा है कि यह कब तक आएंगे?

एवियन एन्फ्लूएंजा वायरस: 12 बेड का वार्ड तैयार
चीन में तेजी से फैल रहे एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस एच-1 एच- 2 को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। चिकित्साधीक्षक डॉ.राजेंद्र कुमार ने बताया कि इसके लिए बच्चा वार्ड में 12 बेड आरक्षित कर दिए गए हैं। जनपद में इस वायरस का कोई मरीज नहीं मिला है। ठंड में बच्चों के परिजनों को एवियन एन्फ्लूएंजा से बचाव के सुझाव दिए जा रहे हैं। इसको लेकर 24 नवंबर को अपर निदेशक डॉ.दिनेश कुमार की देखरेख में ऑक्सीजन प्लांट की मॉकड्रिल हुई थी। इसमें उसकी गुणवत्ता और क्रियाशीलता परखी गई। 97 फीसदी शुद्धता पाई गई है। इस बीमारी में सर्दी, खांसी, जुकाम, निमोनिया, और सांस फूलने की समस्या होती है। ऐसी संभावना है कि यह रोग दो साल के बच्चों से लेकर 21 साल के युवाओं को प्रभावित कर सकता है। अस्पताल में इससे संबंधित सभी उपचार के संसाधन और दवा उपलब्ध है।

दो बाल रोग विशेषज्ञों मे से एक इमरजेंसी कक्ष में थे। एक कोर्ट में गए थे। फिजिशियन तीन हैं, इनमें एक की ड्यूटी थी। वह इमरजेंसी में गए थे। चर्म रोग विभाग के चिकित्सक डायलिसिस में गए थे। एक मरीज को इंफेक्शन हो गया था। लैब टेक्निशियन को बताकर कही जाना चाहिए था। फिजियोथेरेपी विभाग में ताला दो बजे के पहले लगा है। इसके बारे में संबंधित से पूछताछ की जाएगी।- डॉ.राजेंद्र कुमार, चिकित्सा अधीक्षक, जिला अस्पताल

शासन के निर्देश के अनुसार ही ओपीडी संचालित की जानी है। दो बजे के पहले चिकित्सक ओपीडी से चले गए। फिजियोथेरेपी विभाग में दो बजे के पहले ताला लग जाने पर सीएमएस से स्पष्टीकरण लिया जाएगा। दोबारा अस्पताल की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए, इसका निर्देश दिया जाएगा।- मानवेंद्र सिंह, जिलाधिकारी

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