इजरायली सैनिकों के हाथों 3 बंधकों की मौत, फलस्तीनियों के खिलाफ ‘सख्ती’ को लेकर बहस तेज

इजरायली सैनिकों के हाथों 3 बंधकों की मौत, फलस्तीनियों के खिलाफ ‘सख्ती’ को लेकर बहस तेज

तेल अवीव। इजराइली नागरिक उस समय स्तब्ध रह गए जब इजराइली सैनिकों ने हमास द्वारा बंधक बनाए गए तीन लोगों की युद्ध क्षेत्र में जान ले ली। इससे पहले बंधकों ने सफेद झंडा दिखाया था और चिल्ला कर हिब्रू भाषा में कहा था कि उनसे कोई खतरा नहीं है। कुछ लोगों के लिए यह घटना युद्ध की वीभत्सता का एक चौंकाने वाला उदाहरण है, जहां जटिल और खतरनाक युद्धक्षेत्र में कोई भी सुरक्षित नहीं है। लेकिन आलोचकों के लिए, यह घटना इस बात को उजागर करती है कि फलस्तीनियों के खिलाफ इजराइली सुरक्षा तंत्र कितना हिंसक है। 

इस घटना में, इजराइलियों ने खुद को बचाने की कोशिश कर रहे तीन लोगों की जान ले ली। इजरायली मानवाधिकार समूह ‘बी’टी सेलेम के निदेशक रॉय येलिन ने कहा, "यह दुखद घटना है लेकिन इसमें आश्चर्य की बात नहीं है। हमने पिछले कुछ वर्षों में उन लोगों की कई घटनाओं का दस्तावेजीकरण किया है जिन्होंने स्पष्ट रूप से आत्मसमर्पण किया था लेकिन उसके बाद भी उन्हें गोली मार दी गई थी।" येलिन ने कहा कि हत्या की ऐसी घटनाएं सैन्य नैतिकता और अंतरराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन हैं, जिनमें आत्मसमर्पण करने की कोशिश कर रहे लोगों पर गोली चलाने पर रोक है, चाहे वे लड़ाके हों या नहीं। 

उन्होंने कहा कि यह बड़े पैमाने पर अत्यधिक बल प्रयोग की लंबी प्रवृत्ति का हिस्सा है जिसमें हाल के दिनों में खुद इजरायली फंस रहे हैं। एक सैन्य अधिकारी के अनुसार, तीनों बंधकों की उम्र 20 से 30 साल के बीच थी और वे गाजा शहर में एक इमारत से बाहर निकले, जहां इजराइली सैनिक हमास के लड़ाकों से जूझ रहे हैं। अधिकारी ने किहा कि तीनों लोगों ने सफेद झंडा लहराया और वे संकेत देने की कोशिश कर रहे थे कि उनसे कोई खतरा नहीं है। लेकिन उनमें से दो तुरंत मारे गए और तीसरा व्यक्ति मदद के लिए हिब्रू में चिल्लाते हुए वापस इमारत में भाग गया। उन्होंने कहा कि कमांडर ने गोलीबारी बंद करने का आदेश जारी किया, लेकिन एक अन्य गोलीबारी में तीसरे व्यक्ति की भी मौत हो गई। 

सेना के प्रमुख लेफ्टिनेंट कर्नल हर्जी हलेवी ने कहा कि बंधकों ने यह स्पष्ट करने के लिए "हरसंभव कोशिश की" कि उनसे कोई ख़तरा नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बंधकों पर गोलीबारी नियमों के खिलाफ है और किसी भी ऐसे व्यक्ति पर गोली चलाना मना है जो सफेद झंडा दिखा रहा हो और आत्मसमर्पण करना चाहता हो। उन्होंने कहा कि यह गोलीबारी युद्ध के दौरान और दबाव में की गई थी। 

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को कहा कि इन हत्याओं ने "मेरा दिल तोड़ दिया, पूरे देश का दिल तोड़ दिया।" लेकिन उन्होंने इजराइल के सैन्य अभियान में कोई बदलाव नहीं लाने का संकेत दिया। इजराइल का कहना है कि हमास द्वारा बंधक बनाए गए कई लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन इन तीन बंधकों की मौत से नाराजगी है क्योंकि उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे सैनिकों ने ही उन्हें मार डाला। 

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