सुरक्षा चूक पर विपक्ष का जोरदार हंगामा, लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित

Amrit Vichar Network
Published By Vishal Singh
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नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में चूक और कई विपक्षी दलों के सांसदों को निलंबित किये जाने के खिलाफ लोकसभा में मंगलवार को विपक्ष के सदस्यों के जोरदार हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद फिर से शुरू होने के कुछ मिनट के भीतर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की बैठक एक बार स्थगन के बाद जब दोपहर 12 बजे आरंभ हुई तो विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे। पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने उनसे अपने स्थान पर बैठने और सदन चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘यह उचित नहीं है। आप सबने सहमति दी है कि तख्तियां नहीं दिखाई जाएगी और नारे नहीं लगाए जाएंगे।’’

हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने दोपहर 12 बजकर करीब दो मिनट पर सदन की कार्यवाही 12 बजकर 30 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले, सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे जैसे ही शुरू हुई, अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू करने की अनुमति दी, लेकिन कुछ विपक्षी सदस्य हाथों में तख्तियां लेकर आसन के निकट पहुंच गये। आसन के पास पहुंचने वाले प्रमुख सांसदों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला शामिल थे।

अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों को अपनी-अपनी सीट पर जाने और कार्यवाही में हिस्सा लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह सदन आपका है और सदन को चलाने के लिए आपने एक व्यवस्था बनाई है। मेरा अनुरोध है कि आप मुद्दों पर चर्चा करें, लेकिन ये तख्तियां लेकर आना उचित नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि यह सदन नियम, परम्परा और परिपाटी से चलेगा और सभी सदस्यों ने तख्तियां न लाने को लेकर सहमति जताई थी।

बिरला ने कहा कि सदन तख्तियां लेकर आने से नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि असहमति व्यक्त करना सदस्यों का अधिकार है, लेकिन आग्रह है कि वे मर्यादा का पालन करें। उन्होंने कहा कि सदस्यों को अंतिम चेतावनी दी जा रही है कि वे तख्तियां लेकर आसन के पास न आएं और अपनी-अपनी सीट पर जाएं।

इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदन में प्रधानमंत्री की ‘छेड़छाड़ करके बनाई गई’ तस्वीर लेकर आने की जानकारी अध्यक्ष को दी और ऐसा करने वाले सदस्य के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। जोशी ने नारेबाजी के बीच ही कहा कि यह निंदनीय है और ऐसा करके सदस्य प्रधानमंत्री का अपमान कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत की जनता ने प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) के नेतृत्व को स्वीकारा है। ये (विपक्षी सदस्य) जो कर रहे हैं यह सदन इसकी निंदा करता है। जो ऐसे फोटो लाये हैं, उनके खिलाफ कार्रवई की जानी चाहिए।’’ विपक्षी सदस्यों के हंगामे के दौरान कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सदस्य सुप्रिया सुले विपक्ष की ओर की पहली पंक्ति में बैठी नजर आईं, जबकि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी दूसरी पंक्ति में दिखाई दिये। हंगामा थमता हुआ नहीं देख अध्यक्ष ने पांच मिनट के भीतर ही सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित
संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर गृह मंत्री के बयान की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों ने मंगलवार को लगातार चौथे दिन राज्यसभा में नारेबाजी और हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही पहले बारह बजे और फिर दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी जिससे शून्यकाल और प्रश्नकाल की कार्यवाही नहीं हाे सकी। सभापति जगदीप धनखड़ सुबह के स्थगन के बाद बारह बजे जैसे ही सदन में पहुंचे विपक्षी सदस्यों ने जोर जोर से बाेलते हुए अपनी मांग रखी।

सभापति ने सदस्यों के आचरण पर अफसोस जताते हुए कहा कि सदन में सदस्यों का आचरण बहुत नीचे गिर गया है और गिरावट की भी हद होती है। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि सदन के एक वरिष्ठ सदस्य दूसरे सदस्य की वीडियोग्राफी कर रहे हैं और आसन की नकल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत शर्मनाक आचरण है।

विपक्षी सदस्य इस बीच जोर जोर से अपनी बात रखते रहे। इसी बीच सभापति ने कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले सुबह भी विपक्षी सदस्यों के हंगामे और सदन में अव्यवस्था को देखते हुए सभापति ने कार्यवाही बारह बजे तक स्थगित कर दी थी। इससे शून्यकाल और प्रश्नकाल की कार्यवाही नहीं हो सकी। विपक्ष पिछले सप्ताह से ही संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर सदन में हंगामा कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि इस मुद्दे पर सदन में चर्चा करायी जाए और गृहमंत्री अमित शाह वक्तव्य दें।

उधर सभापति ने कहा है कि सुरक्षा में चूक की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है और मामले की जांच की जा रही है। इस मुद्दे पर बने गतिरोध के कारण पिछले सप्ताह दो दिन कोई विधायी कामकाज नहीं हो सका जबकि सोमवार को शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हुआ। हालांकि सरकार ने हंगामे के बीच जम्मू कश्मीर से संबंधित दो विधेयक पारित कराये।

सदन में हंगामा करने और अमर्यादित आचरण के लिए 46 सदस्योंं को राज्यसभा से निलंबित भी किया गया है। इनमें से 12 सदस्यों के आचरण का मामला सदन की विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है जो तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। इन सदस्यों का निलंबन समिति की रिपोर्ट आने तक प्रभावी रहेगा। शेष 34 सदस्यों का निलंबन सत्र की शेष अवधि के लिए किया गया है।

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