World Cancer Day 2024: कैंसर से कई ने मानी हार तो कुछ ने लड़कर जीती जिंदगानी, अब लोगों को दे रहे प्रेरणा

कैंसर से कई ने मानी हार तो कुछ ने लड़कर जीती जिंदगानी।

World Cancer Day 2024: कैंसर से कई ने मानी हार तो कुछ ने लड़कर जीती जिंदगानी, अब लोगों को दे रहे प्रेरणा

कैंसर का नाम सुनकर जहां लोग हताश परेशान हो जाते हैं और डर कर अपना इलाज कराते हैं। इसके बावजूद वह कैंसर से नहीं लड़ पाते हैं। डरने के कारण अधिकांश कैंसर मरीजों को हृदयाघात के अलावा अन्य अटैक पड़ने से काल के गाल में समा जाते हैं। शुक्लागंज के कई ऐसे कैंसर पीड़ित थे, जिनकी कैंसर से मौत हो गई।

उन्नाव, (अमन सक्सेना)। कैंसर का नाम सुनकर जहां लोग हताश परेशान हो जाते हैं और डर कर अपना इलाज कराते हैं। इसके बावजूद वह कैंसर से नहीं लड़ पाते हैं। डरने के कारण अधिकांश कैंसर मरीजों को हृदयाघात के अलावा अन्य अटैक पड़ने से काल के गाल में समा जाते हैं। शुक्लागंज के कई ऐसे कैंसर पीड़ित थे, जिनकी कैंसर से मौत हो गई।

वहीं कई ऐसे योद्धा भी हैं, जो इस मरीज से चौबीस घंटे लड़ते रहे और कैंसर स्पेशलिस्टों से इसका इलाज कराकर नया जीवन पाया। वहीं कुछ ने योगा से इस लाइलाज बीमारी को मात देकर कैंसर पीड़ितों को जीने की नई राह दिखाने का काम कर रहे हैं। चंपापुरवा के रहने वाले रिटायर्ड डिफेंस कर्मी व योग शिक्षक उमाशंकर यादव को कैंसर हुआ। जहां उन्होंने लड़ते ही इस बीमारी से जंग जीती।

जिसके बाद 18 सालों से कैंसर मरीजों को सलाह देने के साथ ही उनका हौसला आफजाई करते हुये योग के माध्यम से इस बीमारी से लड़ने की प्रेरणा दे रहे हैं। इतना ही नगर के एक पत्रकार, स्वीट हाउस संचालक, कारोबारी भी इस बीमारी से जंग जीतने के बाद कैंसर पीड़ितों को समय पर इलाज कराने के लिये प्रेरित कर रहे हैं। जिससे कई कैंसर मरीजों को नई जिंदगी मिली है।

डॉक्टर की सलाह

डा. आशुतोष वार्ष्णेय, अचलगंज सीएचसी वरिष्ठ चिकित्साधिकारी ने बताया कि लोगों में फेफड़ों का कैंसर, मुंह का कैंसर, पेट का कैंसर, स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर के अलावा अन्य कैंसर हो रहे हैं। भारत सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत दस हजार की आबादी में एक सीएचओ की तैनाती की है। कैंसर के लक्षण दिखने के अलावा शरीर में गांठ, वजन कम होना, माहवारी में समस्या या ऐसी कोई चीज जो ठीक न हो रही है तो सीएचओ से संपर्क करे। वहीं सरकार ने सर्वाइकल कैंसर के लिये अंतरिम बजट में सरकार ने तीन हजार रुपये वाले टीके को महिलाओं को मुफ्त में लगाया जायेगा। जल्द ही सरकार सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में इसे मुहैया करायेगी। 25 से 30 उम्र की महिला इस टीके को लगवाकर सर्वाइल कैंसर से बच सकती हैं।

कैंसर पीड़ितों ने दी अपनी राय

नरोत्तम पांडेय ने बताया कैंसर से हर कोई लड़ सकता हैं, यदि वह नियमित योग करे। कई कैंसर मरीजों को योगा करने की सलाह दी है। जिसमें अधिकांश मरीजों ने इस बीमारी को मात दी है।

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पंकज त्रिपाठी के मुताबिक लगभग 11 साल पहले जीभ में कैंसर हुआ था, जिसका समय पर इलाज कराया। अब पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं और कैंसर के मरीजों को सलाह देने के साथ ही उन्हें प्रेरणा देकर निरोग रहने के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

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उमाशंकर यादव को 18 साल पहले मुंह में कैंसर हुआ था, उसके बाद पैरालाइसिस के अटैक भी पड़े। इसके बावजूद योगा कर सभी बीमारियों को मात दी। योग शिक्षक बन सभी को योगा सीखा रहे हैं। उन्होंने बताया कि योगा से गंभीर बीमारियां जड़ से खत्म हो रही हैं।

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मनोज त्रिवेदी ने बताया मुँह में कैंसर होने के बाद ऐसा लगा कि सब खत्म हो गया लेकिन बीमारी से लड़कर जिंदगी जीती है। अब कैंसर के मरीजों को इलाज और स्वास्थ्य रहने के लिए उन्हें प्रेरित कर रहे है।

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