रुद्रपुर: 306 के दोषी पति को हुई सात साल कठोर कारावास की सजा

रुद्रपुर: 306 के दोषी पति को हुई सात साल कठोर कारावास की सजा

रुद्रपुर, अमृत विचार। अलका बैरागी खुदकुशी प्रकरण के दोषी पति को तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सात साल का कठोर कारावास और पचास हजार रुपये अर्थदंड देने की सजा सुनाई। इस दौरान अदालत ने दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया।

एडीजीसी लक्ष्मी नारायण पटवा ने बताया कि ग्राम भुडिया कॉलोनी बहेड़ी निवासी प्रशांत मंडल ने 14 फरवरी 2021 को रिपोर्ट दर्ज करवाते हुए बताया कि 11 साल पहले उसकी बहन अलका बैरागी की शादी गोविंदनगर पारागांव शक्ति फार्म निवासी अरुण बैरागी के साथ हुई थी। शादी के बाद पता चला कि युवक नशे का लती है और अपनी पत्नी पर गलत कार्य करने का दबाव बनाता है और अक्सर मारपीट करता रहता था। इस प्रताड़ना में बहन का देवर वरुण बैरागी, ससुर काली दास और सास वंदना बैरागी भी साथ देते हैं।

प्रताड़ना से तंग आकर बहन मायके रहने लगी और ससुरालियों द्वारा माफीनामा देने के बाद बहन पुन: ससुराल लौट गई। 14 फरवरी 2021 को देवर की कॉल आयी और बताया कि बहन अलका ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। जब मौके पर जाकर देखा तो ससुराली फरार हो चुके थे और बहन का शव पंखे की कुंडी से लटका हुआ था, जबकि पैर जमीन पर लगे हुए थे। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि बहन को मार कर जबरन लटका गया है। पुलिस ने मामले की विवेचना कर चार्जशीट अदालत में पेश कर दी।

मामले की सुनवाई तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मीना देऊपा की अदालत में शुरू हुई। जहां एडीजीसी लक्ष्मी नारायण पटवा ने अदालत के सामने 17 गवाह पेश किए। दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने मृतका के पति अरुण बैरागी को 306 का दोषी करार देते हुए सात साल कठोर कारावास व 50 हजार रुपये अर्थदंड देने की सजा सुनाई है।