हल्द्वानी: दमुवाढूंगा में घपले की 'काली स्याही' पर 'सफेद पेंट'

हल्द्वानी: दमुवाढूंगा में घपले की 'काली स्याही' पर 'सफेद पेंट'

हल्द्वानी, अमृत विचार। दमुवाढूंगा बरसाती नाले पर पीएम आवास योजना से मकान बनाने के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। जिस मकान पर योजना और लाभार्थी का नाम चस्पा था, उसे रविवार को सफेद पेंट कर मिटा दिया गया। इससे सरकारी योजना के नाम पर बड़े घोटाले की आशंका बढ़ गई है।

जवाहर ज्योति वार्ड 37 में बरसाती नाले के पास करीब छह व सात मकान बने हैं। इनमें से एक मकान का निर्माण केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना से हुआ है। लाभार्थी गंगा देवी पत्नी चंदन राम को नगर निगम हल्द्वानी से इस योजना का लाभ मिला है। इतना ही नहीं गंगा देवी को योजना के तहत पहली और दूसरी किश्त भी जारी हो गई है।

'अमृत विचार' ने रविवार को 'सरकारी धन से नाले की जमीन पर बनाया मकान' शीर्षक से इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। जिसके बाद नगर निगम अधिकारियों और गलत तरीके से योजना का लाभ लेने वाले लाभार्थी में हलचल मच गई। जिस मकान पर लाभार्थी का नाम, योजना का नाम और मकान बनाने का वर्ष चस्पा था उसे रविवार को सफेद पेंट कर मिटा दिया गया। हालांकि निगम अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की है। चर्चा है कि मकान स्वामी ने स्वयं सफेद पेंट कर दिया है। इससे साफ हो चला है कि योजना के नाम पर गलत तरीके से मकान बनाने का बड़ा खेल चल रहा है। 

15 फीट तक पाट दिया बरसाती नाला
दमुवाढूंगा बरसाती नाले को कब्जेदारों ने करीब 15 फीट तक पाट दिया है। इन्हें यहां बसाने वालों में क्षेत्र के ही कुछ प्रभावशाली लोग शामिल हैं। बरसाती नाले ने बीते वर्ष दमुवाढूंगा में भारी तबाही मचाई थी। उसके बावजूद नाले पर कब्जा कर मकान बनाए जा रहे हैं। जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों ने इससे आंखें मूंद ली हैं।

माफियाओं ने बेच दी वनभूमि
हल्द्वानी। दमुवाढूंगा खाम, जवाहर ज्योति आदि क्षेत्र में ज्यादातर हिस्सा वनभूमि है। यहां रहने वाले लोग मालिकाने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होंने यहां पहले तो वनभूमि पर कब्जा किया और बाद में बकायदा प्लाटिंग करके प्लाट तक बेच दिए। वोट बैंक की राजनीति के चलते प्रशासन हमेशा कार्रवाई करने से भी बचता रहा। 

अधिकारी बोलने से बच रहे
हल्द्वानी। इस मामले में जब नगर निगम के अधिकारियों से बात की गई तो वह बोलने से बचते रहे। सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट ने मामले की जानकारी लेने की बात कही तो वहीं दूसरी ओर सामाजिक विकास अधिकारी सुरेश अधिकारी ने भी मामले की जांच के बाद ही कुछ कहने की बात कही है।