Etawah: दहेज के लिए की थी पत्नी की हत्या... कोर्ट ने दोषी पाए जाने पर पति को सुनाई आजीवन कारावास… इतने हजार रुपये जुर्माना भी लगाया
इटावा में पत्नी की हत्या में पति को आजीवन कारावास
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इटावा, अमृत विचार। अपर जिला एंव सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक कोर्ट प्रथम दिलीप कुमार सचान ने पत्नी की हत्या के पांच साल पुराने मामले की सुनवाई करते हुए पति को हत्या का दोषी पाया। दोषी पाए जाने पर कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
इसके अलावा कोर्ट ने उस पर तीस हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा न करने पर उसे एक साल का अतिरिक्त कारावास भोगना पडेगा। इस मामले में आरोपी बनाए गए सास व ससुर को कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया।
शादी में उसने अपनी सामर्थ के अनुसार दान दहेज दिया था लेकिन दीपा के ससुरालीजन इससे संतुष्ट नही थे। वह अतिरिक्त दहेज की मांग कर रहे थे। मांग पूरी न होने पर ससुरालीजनों ने उसका उत्पीडन शुरू कर दिया। उसने कई बार लोगों को समझाया लेकिन उन पर कोर्ठ असर नही हुआ।
ससुरालीजन दीपा का और भी ज्यादा उत्पीडन करने लगे। 26 अप्रैल 2018 को उसे फोन पर सूचना मिली कि दीपा को करंट लग गया। वह मौके पर पहुंचा तो उसकी बहन मृत अवस्था में पडी थी। ससुरालीजनों ने उसकी हत्या कर दी।
सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। तहरीर के आधार पर पुलिस ने पति सूरज ससुर राजेश व सास शीला देवी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। बाद में पुलिस ने तीनों के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट में पेश कर दिए।
मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक कोर्ट प्रथम में हुई। सरकार की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता तरूण कुमार शुक्ला व बलबीर सिंह राजपूत ने पैरवी कर साक्ष्य व गवाहों को पेश किया।
साक्षयों के आधार पर कोर्ट ने सूरज को हत्या का दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास की सजा व तीस हजार रूपया के अर्थदंड से दंडित किया। जबकि साक्ष्यों के अभाव में ससुर व सास को बरी कर दिया।
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