जनता का मुद्दा: एलिवेटेड ट्रैक बने, न्यू ट्रांसपोर्ट नगर में सुविधाएं बढ़ें...कोपरगंज के कारोबारियों ने ये भी उठाई मांग
कानपुर में कोपरगंज के कारोबारियों ने बड़े प्रोजेक्ट जमीन पर लाने की मांग की
कानपुर, अमृत विचार। लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए कोपरगंज के कारोबारियों ने एलिवेटेड ट्रैक को बड़ा मुद्दा माना है। इसके अलावा उन्होंने न्यू ट्रांसपोर्ट नगर में सुविधाएं बढ़ाए जाने की भी मांग की है। कहा कि शहर के लिए बड़े प्रोजेक्टों की बात तो बहुत होती है लेकिन प्रोजेक्ट धरातल पर नहीं उतर पाते। बातों के बजाय धरातल पर काम होना चाहिए। कारोबारी कोपरगंज बाजार में गंदगी और नाले के चोक होने की समस्या को भी बड़ा मुद्दा मान रहे हैं।
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष गुरजिंदर सिंह, सुरेश कुमार दुसेजा, संदीप सिंह, नसीमुद्दीन वारसी, आशीष गोयल, महेश गुप्ता ने कहाकि कारोबारियों के मुद्दे सुनने वाला प्रतिनिधि होना चाहिए। कई बड़े प्रोजेक्ट बनते हैं पर जमीन पर नहीं आ पाते हैं। इस वजह से शहर पिछड़ गया है।
मेट्रो प्रोजेक्ट को यदि छोड़ दिया जाए तो कोई अन्य बड़ा प्रोजेक्ट जमीन पर नहीं उतर पाया है। शहर की सबसे बड़ी समस्या जाम है। इसके लिए एलिवेटेड रेल ट्रैक का प्रोजेक्ट बना था। उस पर अब क्या हो रहा है किसी को नहीं पता।
न्यू ट्रांसपोर्ट नगर को भी जेजी के साथ बसाया गया लेकिन अब तक वहां पर पूरी तरह से शिफ्टिंग नहीं हो सकी है। इसकी वजह वहां पर पर्याप्त सुविधा का न होना है। कारोबारियों ने न्यू ट्रांसपोर्ट नगर में बेहतर सुविधा दिए जाने की मांग की है।
राजधानी क्षेत्र में शहर हो शामिल
कारोबारियों ने यह भी मांग उठाई कि शहर को राज्य राजधानी क्षेत्र में शामिल किया जाए। कहा कि राज्य राजधानी क्षेत्र से शहर को बाहर कर शहर के विकास के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। राज्य में राजस्व देने में चौथे स्थान पर होने के बावजूद शहर अब विकास के नाम पर उन्नाव से भी पीछे हो सकता है।
शहर में न प्रवेश हों भारी वाहन
कारोबारी उमाकांत शर्मा, भूपेंद्र सिंह, रमाकांत शर्मा, प्रवीण दीक्षित, दिलीप कुमार, नितिन सेठवानी, मनीष वसंदानी, हसीमुद्दीन ने कहा कि यदि शहर में रिंग रोड जल्द बन जाए तो बाहर से शहर में प्रवेश करने वाले भारी वाहन बाहर से होते हुए निकल जाए। लंबे समय से चल रहा यह प्रोजेक्ट कब पूरा होगा इसका कोई पता नहीं। शहर में न रुकने वाले बाहर से आने वाले भारी वाहन ही यदि शहर में प्रवेश न करें तो भी काफी हद तक जाम की समस्या का राहत मिलेगी।
हटना चाहिए बस अड्डा
कारोबारी आलोक श्रीवास्तव व सुरेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि शहर की घनी थोक बाजारों में आने वाले ग्राहक टाटमिल में सबसे ज्यादा जाम में फंसते हैं। इस चौराहे पर जाम की बड़ी वजह झकरकटी बस अड्डा भी है। ऐसे में यह जरूरी है कि इस बस अड्डे को यहां से स्थानांतरित करें।
चौराहों को दुरुस्त होना चाहिए
कारोबारियों ने कहा कि सबसे ज्यादा जाम चौराहों के पास ही लगता है। ऐसे में शहर में कई ऐसे चौराहे हैं जो बहुत बड़े हैं। इन चौराहों को छोटा कर सड़क चौड़ी करनी चाहिए। इससे चौराहों पर जाम से राहत मिलेगी।
सीएम के कहने पर भी नहीं हुआ पुनर्विकास
कारोबारियों ने बताया कि पिछले साल कोपरगंज अग्निकांड में एआर टॉवर और मसूद कांप्लेक्टस में लगी आग का मुआवजा व पुनर्विकास अभी तक नहीं हो सका है। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष गुरजिंदर सिंह ने कहा कि अग्निकांड को देखने के लिए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक खुद शहर आए थे।
उसके कुछ दिन बाद कारोबारियों का एक प्रतिनिधि मंडल भी सीएम योगी आदित्यनाथ से मिला था। मुलाकात के दौरान सीएम ने खुद यहां के जिलाधिकारी को फोन कर जल्द पुनर्विकास किए जाने का आदेश जिलाधिकारी को दिया था। इसके बावजूद आज तक इस समस्या का समाधान नहीं हो सका।
सीपीसी गोदाम हो बाहर
कारोबारियों ने कहा कि सीपीसी गोदाम की वजह से रोजाना इस इलाके में 294 ट्रक आते और जाते हैं। इस गोदाम को स्थानांतरित किए जाने के लिए वे लोग रेलवे अधिकारियों के कई बार मिल चुके हैं। इसके बावजूद इस समस्या का समधान नहीं हुआ।
झूलते तारों से हर वक्त खतरा
रेडीमेड कारोबारियों ने बताया कि बाजार में झूलते तार हर वक्त खतरा पैदा करते हैं। तारों से दिन में कई बार स्पार्किंग होती है। कई बार शिकायत के बावजूद अभी तक इसकी सुनवाई नहींह हुई है।
जलभराव से कारोबारी परेशान
कारोबारियों ने बताया कि बाजार में सफाई नहीं होती है। रोड के दोनो ओर से नाले चोक हो चुके हैं। बरसात में सबसे अधिक मुसीबत का सामना करना पड़ता है। दुकानों में एक फीट तक पानी भरता है।