Kanpur: नर्स परामर्श कार्यक्रम के संचालन पर एनएचएम ने लगाई रोक; नर्स मेंटरों की संविदा हुई समाप्त
कानपुर, अमृत विचार। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 और वर्ष 2025-26 में प्रदेश में नर्स परामर्श कार्यक्रम के संचालन पर रोक लगा दी है। साथ ही नर्स मेंटर की संविदा भी समाप्त कर दी है। हालांकि यह नर्स मेंटर अब एक अप्रैल से स्टाफ नर्स के रूप में कार्य करेंगी। उन्हें सिर्फ स्टाफ नर्स का ही मानदेय दिया जाएगा। अलग से परामर्श कार्यक्रम का अतिरिक्त मानदेय अब नहीं मिलेगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने सीएमओ डॉ.आलोक रंजन को पत्र जारी किया है, जिसमें कहा कि कानपुर समेत प्रदेश के 75 जिलों के ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य इकाइयों में नर्स मेंटर कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। ब्लॉक स्तरीय चिकित्सा इकाइयों में नामांकन के आधार पर संविदा स्टाफ नर्स से नर्स मेंटर के रूप में नामित व सीधी भर्ती के माध्यम से कार्यरत हैं।
वित्तीय वर्ष 2024-25 और वर्ष 2025-26 के लिए भारत सरकार से प्राप्त निर्देशों में नर्स मेंटरिंग कार्यक्रम के संचालन की स्वीकृति नहीं दी गई है। इसलिए नर्स मेटरिंग कार्यक्रम का संचालन 31 मार्च के बाद नहीं किया जाएगा। सीधी भर्ती से कार्यरत नर्स मेंटर व स्टाफ नर्स से नामित नर्स मेंटर के मद में किसी भी प्रकार का व्यय नहीं किया जाएगा।
सीएमओ के मुताबिक शासन से निर्देश मिला है कि सीधी भर्ती के माध्यम से कार्यरत संविदा नर्स मेंटर का 31 मार्च के बाद नवीनीकरण नहीं किया जाए। मतलब 31 मार्च 2024 से इनकी संविदा समाप्त हो जाएगी। संविदा नर्स मेंटर से कोई भी कार्य नहीं लिया जाएगा और एक अप्रैल से इस मद में किसी भी प्रकार का व्यय भी नहीं किया जाएगा।
स्टाफ नर्स से नर्स मेंटर के रूप में नामित स्टाफ नर्स 31 मार्च के बाद मात्र स्टाफ नर्स के रूप में ही कार्य करेंगी। एक अप्रैल से उनको नर्स मेटरिंग कार्यक्रम में दिए जाने वाले करीब 5,500 रुपये अतिरिक्त मानदेय नहीं मिलेगा। इनको स्टाफ नर्स का ही मासिक मानदेय ही दिया जाएगा।
यह होता था इनका काम
हर ब्लाक में एक स्टाफ नर्स को नर्स मेंटर के रूप में चयनित किया जाता है। उसके बाद वह ब्लाक में स्थित अस्पताल जहां प्रसव की सुविधा है, वहां पर तैनात नर्स, एएनएम व बेसिक हेल्थ वर्कर को सुरक्षित प्रसव के लिए क्या-क्या सावधानियां बरतना हैं आदि के लिए प्रशिक्षित करतीं थीं। दो-दो महीने की विशेष ट्रेनिंग देकर सुरक्षित प्रसव संबंधित कोर्स इन्हें पढ़ाया जा रहा था। अब 31 मार्च के बाद यह कार्यक्रम नहीं चलेगा। इसलिए इनको अपना मूल मानदेय ही मिलेगा।