बाज नहीं आ रहा चीन

बाज नहीं आ रहा चीन

अरुणाचल प्रदेश को लेकर भारत और चीन के बीच फिर विवाद बढ़ सकता है। चीन ने भारतीय राज्य में विभिन्न स्थानों के 30 नए नामों की चौथी सूची जारी की है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये सभी नाम चीनी अक्षरों में लिखे गए हैं। चीन ने ये नाम पहाड़ों, नदियों और कुछ प्रमुख स्थानों के रखे हैं। जबकि चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के स्थानों का नाम बदलने की कवायद को भारत खारिज करता रहा है। गत दिवस ही भारत-भूटान सीमा पर बसाए गए नए गांव में चीन ने तिब्बत पर कब्जे की 65वीं वर्षगांठ बनाई है। गौरतलब है कि चीन भारत से सटी सीमाओं पर कई गांवों का निर्माण कर रहा है, जिसकी आड़ में चीन के सैनिकों को क्षेत्र में बड़ी संख्या में तैनात किया जा रहा है। 

चौथी सूची जारी करने के साथ ये भी कहा गया है कि इन नामों को 1 मई, 2024 से लागू किया जाएगा। बता दें कि चीन अरुणाचल प्रदेश को जंनगनान के रूप में मान्यता देता है। चीन ने मार्च के शुरुआत में इस क्षेत्र पर अपना दावा ठहराते हुए कहा था कि अरुणाचल प्रदेश चीन का अंतर्निहित हिस्सा है। चीनी सरकार ने अप्रैल 2023 में चीनी अक्षरों, तिब्बती और पिनयिन का उपयोग करके क्षेत्र में 11 नामों को तय किया था, जो तीसरी लिस्ट थी।

पहली लिस्ट 2017 में आई थी, जबकि दूसरी 2021 में जारी की गई थी। यही नहीं चीन ने 11 मार्च को सेला सुरंग का उद्घाटन करने अरुणाचल प्रदेश पहुंचे पीएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे का विरोध किया था। भारत ने हमेशा चीन के दावों को खारिज करते हुए अरुणाचल प्रदेश को अपना अभिन्न अंग बताया है। चीन लगातार भारत विरोधी कदम उठाकर नापाक चाल चलने से बाज नहीं आ रहा है।

हालांकि भारत ने हमेशा चीन के दावों को खारिज करते हुए अरुणाचल प्रदेश को अपना अभिन्न अंग बताया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन द्वारा बार-बार किए जा रहे दावे को 23 मार्च को बेतुका  करार देते हुए इसे खारिज कर दिया था और कहा था कि यह सीमांत राज्य भारत का स्वाभाविक हिस्सा  है।

उन्होंने नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (एनयूएस) के ‘साउथ एशियन स्टडीज इंस्टीट्यूट’ में एक व्याख्यान देने के बाद अरुणाचल मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में कहा था कि यह कोई नया मुद्दा नहीं है।  ये दावे शुरू से बेतुके हैं और आज भी बेतुके ही हैं। ऐसे में जरूरी है कि चीन की आक्रामक नीति पर अंकुश लगाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर चीन को अलग-थलग करने की कोशिश करनी चाहिए।