Kannauj News: सपा नेता मनोज दीक्षित पर आचार संहिता उल्लंघन की रिपोर्ट...मंच से सांसद पर निशान साधते हुए कहा था ये

कन्नौज में सपा नेता मनोज दीक्षित पर आचार संहिता उल्लंघन की रिपोर्ट

Kannauj News: सपा नेता मनोज दीक्षित पर आचार संहिता उल्लंघन की रिपोर्ट...मंच से सांसद पर निशान साधते हुए कहा था ये

कन्नौज, अमृत विचार। आचार संहिता उल्लंघन में सदर कोतवाली में पहला मामला सपा नेता पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। मामले में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन में उनके मुंह से विवादित बोल को आधार बनाया गया है। हालांकि प्रकरण में गिरफ्तारी का कोई प्रावधान नहीं है। 

बता दें कि दो अप्रैल मंगलवार को समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय में सभी बूथ, सेक्टर, जोन प्रभारियों समेत कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित किया गया था। इसके मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव थे। कार्यक्रम के दौरान अखिलेश की मौजूदगी में सपा नेता व इत्र उद्यमी मनोज दीक्षित ने मंच से अपने संबोधन में सांसद व भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक पर जमकर निशाना साधा।

इस दौरान वे इतने उत्तेजित हो गए कि बोल बैठे कि मां की कसम खाता हूं, तेरे टुकड़े टुकड़े न करा दिये तो मनोज दीक्षित नहीं .....की औलाद समझना'। इस कथन से असहज हुए एक अन्य सपा नेता ने हस्तक्षेप किया तो बात संभाली कि वोटों से टुकड़े टुकड़े  न करा दिये...। तब तक उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल भी हो गया।

प्रकरण का संज्ञान लेते हुए वीडियो सर्विलांस टीम ने मंगलवार को ही देर रात कोतवाली में तहरीर देकर आचार संहिता उल्लंघन की रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें सपा नेता मनोज दीक्षित द्वारा विपक्षी पार्टी के वर्तमान सांसद सुब्रत पाठक को दारूबाज कहना व टुकड़े-2 करने जैसे शब्दों से व्यक्तिगत एवं आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप लगाया गया है।

साथ ही लोगों को जाति के आधार पर वोट देने को उकसाने का भी उल्लेख है। हालांकि इस संबंध में गिरफ्तारी को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी शुभ्रांत शुक्ल का कहना है कि चार साल से कम सजा के मामले में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। 

असीम अरुण ने भी दी तहरीर

सपा कार्यालय में दो दिन पहले हुई सभा में सपा नेता मनोज दीक्षित के आपत्तिजनक भाषण को लेकर सदर विधायक व समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण ने भी सदर कोतवाली में तहरीर दी है। इसमें भाषण के अंशों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके इन बयानों को मीडिया द्वारा भी रिकार्ड किया गया है। कहा कि उनका कथन सांसद को जान से मालने की धमकी की श्रेणी में आता है तथा सोच समझकर अनुसूचित जाति के सदस्यों को अपमानित करने के लिए जातिसूचक गाली दी गई।

लिखा है कि वे कन्नौज सदर से विधायक हैं और उनकी जिम्मेदारी है कि वे क्षेत्र के सभी निवासियों के सम्मान की रक्षा करें। मामले में कोई अन्य रिपोर्ट हो चुकी है तो उनकी तहरीर को विवेचना में सम्मिलित किया जाए। कहा है कि उन्हें शक है कि यह अपराध अखिलेश यादव के निर्देश पर हुआ है क्योंकि जब दीक्षित अपमानजनक शब्द कह रहे थे तब वे बैठे मुस्कुरा रहे था। यही नहीं उन्होंने अपने संबोधन में न तो इसके लिए माफी मांगी और न ही आलोचना की।

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