'बहुत सोच-समझकर निर्णय लिया', कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने के बाद बोले मुक्केबाज विजेंदर

'बहुत सोच-समझकर निर्णय लिया', कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने के बाद बोले मुक्केबाज विजेंदर

नई दिल्ली। ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने को उचित ठहराते हुए बुधवार को कहा कि एक साझा मित्र के जरिए वह भगवा पार्टी से जुड़े और फिर बहुत ‘सोच-समझकर’ उन्होंने यह निर्णय लिया। सिंह 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे और उन्हें राहुल गांधी का करीबी माना जाता था। 

राहुल गांधी वर्ष 2011 में उनकी शादी में भी शामिल हुए थे। यहां भाजपा मुख्यालय में आधिकारिक तौर पर पार्टी में शामिल होने के बाद इस मुक्केबाज ने  कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि मैंने अचानक से कोई फैसला लिया है। मैं पिछले कई दिनों से कुछ चीजों का निरीक्षण कर रहा था और मुझे लगा कि भाजपा में जाने का यह सही समय है।’’ 

हरियाणा के 38 वर्षीय सिंह मुक्केबाजी में ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं। साल 2008 के बीजिंग ओलंपिक में उन्होंने कांस्य पदक जीता था। सिंह ने पार्टी बदलने का फैसला ऐसे समय में लिया है जब ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि कांग्रेस उन्हें भाजपा की मौजूदा सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी के खिलाफ मथुरा से लोकसभा का उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है। 

उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक साझा मित्र के जरिए भाजपा के संपर्क में आया और उन्होंने मेरा स्वागत किया। केंद्र सरकार ने पिछले 10 वर्षों में खिलाड़ियों के लिए जो काम किए हैं, मैं उनसे प्रभावित हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मैं इसमें योगदान दे सकता हूं, विशेषकर उन खिलाड़ियों के लिए जो हरियाणा से हैं। आखिरकार यह मेरा घर है और मैं चीजों को बेहतर बनाने में मदद करना चाहता हूं।’’

वह इटली में 2009 के विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले देश के पहले पुरुष खिलाड़ी हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या यह कदम कांग्रेस पार्टी से किसी असंतोष को लेकर उठाया गया है, सिंह ने कहा, ‘‘यह किसी और दिन की चर्चा है। हां, मैं उन चीजों के बारे में भी बात करूंगा लेकिन आज नहीं। यह एक नई शुरुआत है जो मैं कर रहा हूं और मैं चाहूंगा कि यह सकारात्मक हो।’’

इससे पहले, सिंह ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर दक्षिण दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन भाजपा के रमेश बिधूड़ी से वह हार गए थे। वह तीसरे स्थान पर रहे थे। वह सोशल मीडिया मंचों पर भाजपा सरकार के मुखर आलोचक रहे हैं और उन्होंने उन पहलवानों का समर्थन किया था जिन्होंने भाजपा के पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ियों की जिंदगी मेरे दिल के करीब है और भाजपा में शामिल होने से मुझे लगता है कि उनके लिए चीजें बेहतर करने का मेरे पास बेहतर मौका होगा। यह एक विकल्प है जो मैंने चुना है और जहां भी मुझसे कहा जाएगा, मैं पार्टी के लिए प्रचार करूंगा।’’ सिंह को आखिरी बार 2022 में ‘मुक्केबाजी रिंग’ में देखा गया था। 

वह 14 पेशेवर मुकाबलों में दिखाई दिए और 13 मुकाबले जीते जिनमें से नौ नॉकआउट थे। अपने करियर में ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने के साथ ही उन्होंने 2010 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता। वह कई बार राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई चैंपियनशिप के पदक विजेता रहे। 

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