हल्द्वानी: अल-नीनो की आहट से दमकल की तैयारी तेज, गर्मी गुजरने तक सभी दमकल कर्मियों की छुट्टियां रद्द

हल्द्वानी: अल-नीनो की आहट से दमकल की तैयारी तेज, गर्मी गुजरने तक सभी दमकल कर्मियों की छुट्टियां रद्द

सर्वेश तिवारी, हल्द्वानी, अमृत विचार। इस साल प्रचंड गर्मी का अनुमान है और इसकी वजह है अल-नीनो। इसी वजह से दमकल की ताबड़तोड़ चेकिंग के बाद जिले के 50 व्यावसायिक संस्थानों को नोटिस जारी किया गया है। इसमें अस्पताल, मॉल, गोदाम व अन्य संस्थान शामिल हैं। तय समय के भीतर सुरक्षा उपकरण दुरुस्त न करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। अलनीनो को देखते हुए जिले के सभी दमकल कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। 

दमकल अधिकारियों का कहना है कि अल-नीनो को देखते हुए तेजी से काम किया जा रहा है। जिले के सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में जांच की जा रही है। खामियां मिलने पर हल्द्वानी में अभी तक 35 और रामनगर में 15 व्यावसायिक संस्थानों को नोटिस जारी किया जा चुका है। जिसमें हॉस्पिटल, गोदाम, स्कूल, मॉल, टेंट हाउस व अन्य तरह के व्यावसायिक संस्थान शामिल हैं। दमकल ने सभी से एक हफ्ते के भीतर सुरक्षा व्यवस्थाएं दुरुस्त करने को कहा है। दमकल विभाग में भी आकस्मिक अवकाश ही स्वीकृत किए जा रहे हैं।  

बता दें कि गर्मी शुरू होते ही जिले में आग की घटनाएं बढ़ गई हैं। पिछले तीन महीनों में जिले में 73 अग्निकांड हो चुके हैं और इन अग्निकांड में 20357000 करोड़ रुपये की क्षति का अनुमान है। माना जा रहा है कि इस साल गर्मी में अग्निकांड पिछले कई सालों के रिकार्ड तोड़ने वाला है। दमकल 24 घंटे अलर्ट मोड पर है।

इस साल का सबसे बड़ा अग्निकांड बीती 2 अप्रैल को रामपुर रोड बेलबाबा मंदिर के पास उमेश चंद्र डालाकोटी की डालाकोटी पेंट्स एंड केमिकल के नाम से लीसा फैक्ट्री में हुआ। इसी वर्ष फरवरी में हीरानगर में वीनस शोरूम में दूसरा बड़ा अग्निकांड हुआ था। अब तक ऐसी हुई 73 घटनाओं में हल्द्वानी में 44, मल्लीताल 14 और रामनगर में 15 बार आग लग चुकी है। वर्ष 2023 में जिले में आग की 255 घटनाएं हुई थीं और इसमें 63285245 करोड़ रुपये की क्षति का अनुमान था। 


अल-नीनो को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। आकस्मिक स्थित को छोड़ कर सभी तरह की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। सभी को 24 घंटे तैयार रहने के निर्देश हैं।   
- गौरव किरार, मुख्य अग्निशमन अधिकारी  

अल-नीनो के असर बढ़ी गर्मी
हल्द्वानी : अल-नीनो वर्ष होने की वजह से इस साल अप्रैल तक असमान्य गर्मी पड़ेगी। अल-नीनो एक मौसमी घटना है। जिसके दौरान उसके प्रभावित क्षेत्रों में तापमान में बढ़ोत्तरी होती है। इसका संबंध समुद्र में होने वाली उथल-पुथल से है। इससे समुद्र के सतही जल का ताप सामान्य से अधिक हो जाता है। जिसका असर सतही क्षेत्रों में भी पड़ता है। इसी वजह से दिसंबर माह में उत्तर भारत में सामान्य से ज्यादा तापमान दर्ज किया गया था। अल-नीनो का ही असर है कि मार्च में ही हल्द्वानी का अधिकतम तापमान 36 डिग्री पार कर गया। 

28 मार्च से उछला था तापमान
हल्द्वानी : होली के दौरान तापमान में सामान्य से थोड़ी बढ़ोत्तरी थी, लेकिन 28 मार्च के बाद तापमान में उछाल आने लगा। 28 को अधिकतम तापमान 33 डिग्री, 29 मार्च को 33.1 डिग्री तो 30 मार्च को 35.8 डिग्री तक पहुंच गया। 31 मार्च को तापमान 36.3 डिग्री था जो सामान्य से छह डिग्री ज्यादा रहा। एक अप्रैल के बाद पश्चिम बंगाल में आए चक्रवात की वजह से उत्तर भारत में पूर्व से नम हवाएं चलीं। जिस वजह से तापमान में कमी आई। फिर भी यह एक अप्रैल को 32.4, दो अप्रैल को 32.9 और तीन अप्रैल को 33.8 डिग्री दर्ज किया गया।

जिले में व्यवसायिक संस्थानों की संख्या
फायर स्टेशन  अस्पताल     स्कूल     होटल
हल्द्वानी              58         107       115 
मल्लीताल           36           45       300
रामनगर             10           45       162
योग                 104         197       577


जिले में फायर हाईड्रेंट की संख्या
फायर स्टेशन   कुल    क्रियाशील   अक्रियाशील   प्रस्तावित
रामनगर          15         15               0              0        
मल्लीताल         83          52             31             34 
हल्द्वानी           15          15              0              30
योग              113          82             31             64

जिले में आग की घटनाएं और इतना हुआ नुकसान
फायर स्टेशन  2023 में आग  2023 में क्षति रुपये में
हल्द्वानी               140             49820000 
मल्लीताल              49              8932745
रामनगर                66              4532500
योग                    255            63285245

खाना बनाते वक्त किचन में रहें सावधान
- खाना बनाते समय गैस चूल्हे को चालू कर किसी अन्य काम में व्यस्त न हों। 
- खाना बनाते वक्त बहुत ज्यादा ढीले-ढाले कपड़े न पहनें। गैस-स्टोव से बहुत ज्यादा सटकर न खड़े रहें।
- किचन टॉवल, खाने का पैकेट या लकड़ी का कोई सामान गैस स्टोव के नजदीक न रखें।
- लाइटर और माचिस जैसी चीजों को बच्चों की पहुंच से दूर रखें।

बिजली का उपकरण सावधानी से इस्तेमाल करें
- बिजली के सॉकेट को ओवरलोड न करें यानी एक ही सॉकेट में एक से ज्यादा अप्लायंस का इस्तेमाल न करें वरना ओवरहीटिंग से आग लगने का खतरा रहता है।
- आयरन, टोस्टर और पानी गर्म करने वाली रॉड जैसी चीजों को इस्तेमाल करने के तुरंत बाद सही जगह पर रखें, जहां बच्चे उन्हें न छू पाएं।
- कार्पेट या रग्स के नीचे से बिजली की तार न गुजरे, इस बात का भी पूरा रखें।
- क्षतिग्रस्त तार नजर आए तो उसे तुरंत बदलें, वरना शॉर्ट सर्किट से आग लगने का खतरा बना रहता है।

आग लग जाए तो क्या करें
- सबसे पहले आग वाली जगह से बाहर निकलें, लेकिन पैनिक क्रिएट करने और दौड़ने की बजाए शांति बनाए रखें।
- आग लगने पर कभी भी बेड के नीचे या घर में किसी कोने में छिपने की कोशिश न करें।
- आग लगने की स्थिति में लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, सीढ़ियों से ही नीचे जाएं।
- धुएं वाली जगह पर फंस जाएं तो अपनी नाक और मुंह को गीले कपड़े से ढककर बाहर निकलने की कोशिश करें।
- कमरे से बाहर न निकल पा रहे हों तो कमरे के सभी खिड़की दरवाजों को बंद कर दें और गीले तौलिए या चादर से दरवाजे के बीच की जगह को बंद कर दें ताकि धुआं कमरे में प्रवेश न कर पाए।