Sultanpur Fire Department: आग लगी तो खोजेंगे ताल पोखरा, विभाग में संसाधनों का टोटा

Sultanpur Fire Department: आग लगी तो खोजेंगे ताल पोखरा, विभाग में संसाधनों का टोटा

सुलतानपुर, अमृत विचार। गर्मियों के मौसम में आग लगने की घटनाओं की बाढ़ सी आ जाती है। गर्मी के मौसम में बहने वाली तेज पछुआ हवा आग को गति प्रदान कर देती है। गांव में लोगों की लापरवाही से हर साल सैकड़ों घर जल जाते हैं। लाखों की संपत्ति का नुकसान हो जाता है। हजारों एकड़ गेहूं की फसल खेतों में ही जल जाती है। महकमा मरहम लगाने के सिवाय और कुछ नहीं कर पाता है। पछुआ हवा कहर बरपाने को तैयार है। जबकि, अग्निशमन विभाग का रवैया पहले की तरह ही है। हर बार की तरह संसाधन व कर्मियों की कमी का रोना। इसलिए इस मौसम में लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। गर्मी को देखते हुए शासन के निर्देश पर गाड़ियों के मेंटिनेंस, पाइप, पंप आदि की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने का काम पूरा कर लिया गया है। संसाधनों के अभाव व मैन पावर की कमी के बावजूद करीब 27 लाख से ज्यादा की आबादी को बेहतर सेवा मुहैया कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।

चालक के हाथों में है फायर स्टेशन का प्रभार
कादीपुर तहसील के चांदा रोड पर बना नवनिर्मित फायर स्टेशन मैन पावर से जूझ रहा है। फायर स्टेशन प्रभारी विश्वनाथ पांडेय की करीब दो वर्ष पहले ड्यूटी कुम्भ मेले में लगा दी गई है। तब से जयराज मिश्रा फायर स्टेशन का प्रभार देखने के साथ चालक का भी कार्य कर रहे हैं। प्रभारी के साथ उपनिरीक्षक व दो हेड कांस्टेबल के पद खाली चल रहा है। मौजूदा समय कादीपुर फायर स्टेशन पर 10 फायरमैन एक चालक व कुक की तैनाती है। वहीं महकमे द्वारा एक बड़ी एक छोटी गाड़ी आग बुझाने के लिए दी गई है।

जयसिंहपुर तहसील में भी सीमित संसाधन
जयसिंहपुर तहसील के बगल बने फायर स्टेशन पर महकमे द्वारा आग बुझाने के लिए एक बड़ी व एक छोटी गाड़ी मिली है। सात फायरमैन व एक चालक की तैनाती है। यहां भी महकमा मैन पावर व संसाधन की कमी से जूझ रहा है। प्रभारी लालचंद्र तिवारी ने बताया कि सीमित संसाधनों के बावजूद बेहतर सेवा देने का प्रयास किया जा रहा है।

जिला मुख्यालय का यह है हाल
जिला मुख्यालय पर स्थित अग्निशमन केन्द्र पर दो बड़ी गाड़ियां, एक मीडियम व एक छोटी गाड़ी से आग बुझाने का कार्य किया जा रहा है। पांच गाड़ियों पर मात्र तीन चालक व 24 फायर मैन तैनात हैं।

बल्दीराय में अस्थायी तो लभुआ में मुख्यालय का सहारा
बल्दीराय तहसील में अस्थाई तौर पर एक छोटी गाड़ी तैनात की गाई है। वही लम्भुआ तहसील में कोइ भी व्यवथा महकमे द्वारा नहीं की गई है। लम्भुआ तहसील में आग की घटना पर आस पास के फायर स्टेशन कादीपुर से या फिर जिला मुख्यालय से गाड़ियां भेजी जाती है। जिले के आखिरी छोर पर स्थित अखंडनगर, करौंदीकलां, कोइरीपुर में कादीपुर तो हलियापुर, धम्मौर में  शहर से ही गाड़ियों को भेजना पड़ता है।

वर्जन-
सीमित संसाधनों से बेहतर सेवा देने का प्रयास किया जा रहा है। संसाधन व मैन पावर की कमी है। उसके लिए पत्र भेजा गया है। फिलहाल 20 होमगार्ड जवान भी सहायता के लिए मिले हैं। आग लगने पर डायल 112 या हेल्पलाइन नंबर 9454418737 पर फोन कर सहायता ली जा सकती है।
- संजय कुमार शर्मा, अग्निशमन अधिकारी सुलतानपुर

इन बातों का रखें ख्याल-
- खलिहान को हमेशा गांवों की आबादी और फसल से भी दूर खुले स्थान पर बनाएं।
- थ्रेसर का उपयोग करते समय डीजल इंजन व ट्रैक्टर के साइलेंसर को लंबे पाइप से ऊंचाई पर रखें।
- थ्रेसर का उपयोग करते समय पास में कम से कम 200 लीटर पानी भरकर अवश्य रखें।
- खलिहान के आसपास छोटी-छोटी बाल्टियों में बालू भरकर रखें।
- रोशनी के लिए सोलर लैंप, टॉर्च, इमरजेंसी लाइट आदि बैटरी वाले यंत्र का ही प्रयोग करें।
- एक खलिहान से दूसरे खलिहान की दूरी 20 फीट से कम न रखें।
- खलिहान वैसे जगह लगाएं जहां अग्निशमन वाहन आसानी से पहुंच सके, जहां जलस्रोत नजदीक हो, जैसे तालाब, बोरिंग आदि।
- खलिहान में कच्ची फसलों की बड़ी टाल न लगाई जाए।
- खलिहान के आसपास अलाव न जलाएं, यदि बहुत आवश्यक हो तो पानी भरी बाल्टियां अवश्य पास में रखें।
- बिजली के नंगे तारों के नीचे खलिहान न बनाया जाए।
- बांस के खंभे के सहारे नंगे बिजली के तार खेतों में न रखें। खेतों के आसपास बीड़ी, सिगरेट आदि न पीएं और न ही किसी को पीने दें।
- देहाती क्षेत्रों में खासकर फूस और खपरैल के मकानों के निवासी खाना सुबह 8 बजे से पहले और शाम 5 से 6 के बीच (सूर्यास्त से पूर्व) बना लें। दीपक, लालटेन, ढिबरी आदि के प्रयोग में सावधानी बरतें।

- अग्निकांडों की सूचना अति शीघ्र अग्निशमन अधिकारी तक शीघ्र पहुंचाएं।

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